नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के आईएनएक्स मीडिया मामले में ट्रायल कोर्ट की ओर से ईडी के चार्जशीट पर संज्ञान लेने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर दोनों पक्षों की आंशिक दलीलें सुनी. जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की बेंच ने 29 नवंबर को भी इस मामले की सुनवाई जारी रखने का आदेश दिया.
चिदंबरम की ओर से पेश वरिष्ठ वकील एन हरिहरन ने कहा कि चिदंबरम संबंधित अपराध के समय लोकसेवक थे, इसलिए ईडी को अभियोजन चलाने के लिए अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 197 के तहत जरूरी अनुमति लेनी चाहिए थी. लेकिन, ट्रायल कोर्ट ने बिना जरूरी अनुमति के ही चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया, जो कानून-सम्मत नहीं है.
वहीं ईडी की ओर से पेश वकील जोहेब हुसैन ने कहा कि चिदंबरम के खिलाफ जो आरोप लगे हैं, वे उनके आधिकारिक कार्य का हिस्सा नहीं हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि किसी आरोपी का अपने बेटे के व्यवसायिक हितों का ध्यान में रखने के लिए कहना या रिश्वत लेना आधिकारिक काम नहीं आधिकारिक काम नहीं हो सकता है. आरोप एक मंत्री के रूप में काम करने का नहीं है.