हैदराबाद :निःसंदेह, यह खुश होने का दिन है! खुशी एक मौलिक मानवीय लक्ष्य है. संयुक्त राष्ट्र महासभा इस लक्ष्य को पहचानती है और आर्थिक 'विकास के लिए एक अधिक समावेशी, न्यायसंगत और संतुलित दृष्टिकोण का आह्वान करती है जो सभी लोगों की खुशी और कल्याण को बढ़ावा देती है.'
सरकारों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को ऐसी स्थितियों में निवेश करना चाहिए जो मानवाधिकारों को कायम रखते हुए और 17 सतत विकास लक्ष्यों जैसे नीति ढांचे में भलाई और पर्यावरणीय आयामों को शामिल करके खुशी का समर्थन करें. शांति और सामाजिक व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ कराधान, कानूनी संस्थानों और सार्वजनिक सेवाओं के वितरण के क्षेत्र में सरकारों की प्रभावशीलता, औसत जीवन संतुष्टि के साथ दृढ़ता से संबंधित है. संयुक्त राष्ट्र किसी भी उम्र के प्रत्येक व्यक्ति, साथ ही हर कक्षा, व्यवसाय और सरकार को अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस के जश्न में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता है.
अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस का इतिहास
12 जुलाई 2012 को संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने अपने प्रस्ताव 66/281 में दुनिया भर के मनुष्यों के जीवन में सार्वभौमिक लक्ष्यों और आकांक्षाओं के रूप में खुशी और कल्याण की प्रासंगिकता को मान्यता देते हुए 20 मार्च को अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस घोषित किया. सार्वजनिक नीति उद्देश्यों में उनकी मान्यता का महत्व देने, इसने आर्थिक विकास के लिए अधिक समावेशी, न्यायसंगत और संतुलित दृष्टिकोण की आवश्यकता को भी पहचाना जो सतत विकास, गरीबी उन्मूलन, खुशी और सभी लोगों की भलाई को बढ़ावा देता है.