नई दिल्ली :हिंडनबर्ग रिसर्च पर उसके नए आरोपों को लेकर निशाना साधते हुए भाजपा के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि अमेरिकी शॉर्ट सेलर ने बाजार नियामक सेबी के नोटिस का जवाब देने के बजाय सेबी की चेयरपर्सन माधवी बुच पर हमला करना चुना है.
इस संबंध में महेश जेठमलानी में एक्स पर किए एक पोस्ट में लिखा है कि हिंडनबर्ग के कथित बड़े खुलासे से पहले की गई घोषणा से ही इसका उद्देश्य भारत के शेयर बाजार को अस्थिर करना है. उन्होंने कहा है कि एक प्रतिष्ठित शोध विश्लेषक के द्वारा पहले प्रचार करना अनुचित है. जहां तक अडाणी समूह का सवाल है तो उसके खिलाफ कुछ भी नया नहीं है.
उन्होंने कहा कि सेबी अध्यक्ष माधवी पुरी बुच अब निशाने पर हैं. जबकि सेबी ने हिंडनबर्ग को नोटिस जारी करके अडणी के शॉर्ट सेल की परिस्थितियों के बारे में जानकारी मांगी गई थी, इसका उन्हें हक था. लेकिन हिंडनबर्ग ने कारण बताओ नोटिस का जवाब देने की जगह सेबी अध्यक्ष को निशाना बनाना चुना. जेठमलानी ने कहा, माधबी बुच की ओर से एक बयान जारी किए जाने के बाद हमला किस आधार पर आधारित है. इस बारे में और अधिक जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि यह कहना काफी है कि यह प्रथम द़ष्टि में वकवास है.
जेठमलानी ने सरकार से उन लोगों पर फोकस करने का अनुरोध किया जो कथित तौर पर अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने का प्रयास कर रहे हैं. इससे पहले जेठमलानी ने 19 जुलाई को सरकार के द्वारा उन राजनेताओं की जांच करने की बात कही थी, जिन्होंने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडाणी समूह को निशाना बनाने का प्रयास किया था. वरिष्ठ अधिवक्ता ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के पीछे कथित तौर पर चीनी हाथ बताया था, जिसमें अडाणी समूह को निशाना बनाया गया था.
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