बिहार में गिरते पुलों की अनंत कथा (ETV Bharat) पटना : बिहार में पुल निर्माण के क्षेत्र में लगी कंपनियों को लूट की छूट मिली हुई है. राज्य में एक महीने के अंदर पुल ध्वस्त होने की 12 घटनाएं सामने आ चुकी हैं. एक के बाद एक पुल के ध्वस्त होने से बिहार सरकार के दावों की कलई खुल गई है. जो पुल गिरे उसमें से 6 पुल जल संसाधन विभाग के थे तो 6 पुल ग्रामीण विकास विभाग के थे. सरकार को करोड़ों का चूना लग चुका है. हैरानी इस बात की है कि इन पुलों ने भयंकर से भयंकर बाढ़ भी झेल ली लेकिन बारिश के चंद छींटे नहीं सहन कर सका.
पहली बारिश, 15 दिन में 12 पुल ध्वस्त: 18 जून को अररिया जिले में बकरा नदी पर बना पुल ध्वस्त हो गया. इसके चार दिन बाद 22 जून को सिवान जिले में गंडक नदी पर बने पुल ने जल समाधि ले ली. 23 जून को पूर्वी चंपारण और 27 और 30 जून को किशनगंज में पुल ध्वस्त होने की घटना सामने आई. हद तो तब हो गई जब एक ही दिन में सारण और सिवान जिले में पांच पुल ढह गए. जिसमें एक पुल ब्रिटिश काल का है.
ईटीवी भारत GFX (ETV Bharat) एक दिन में 6 पुल जमींदोंज : सिवानजिले के महाराजगंज स्थित तेवथा टेघड़ा में पुल ध्वस्त हो गया. ये पुल 35 साल पहले यानी कि 1989 में इसका निर्माण हुआ था. पुल की लंबाई 13 फीट और चौड़ाई 8 फीट थी. पानी के तेज बहाव के कारण पुल का पाया ध्वस्त हो गया. सिवान जिले में ही महाराजगंज के देवरिया के समीप गंडक नदी पर बना पुल ध्वस्त हो गया. 20 साल पहले यानी की 2004 में पुल का निर्माण हुआ था. पुल की लंबाई 30 फीट और चौड़ाई 12 फीट थी. तत्कालीन सांसद प्रभुनाथ सिंह के सांसद निधि से पुल का निर्माण कराया गया था और इस पर 10 लाख रुपए लागत आई थी.
सिवान में 26 साल पुराना पुल धड़ाम : सिवान जिले के महाराजगंज प्रखंड स्थित नौतन सिकदपुर के बीच पुल ध्वस्त हो गया. इस पुल का निर्माण 1998 में कराया गया था. 26 साल के अंदर ही पुल क्षतिग्रस्त हो गया. इस पुल की लंबाई 15 फीट और चौड़ाई 10 फीट थी. पुल के निर्माण में 6 लाख की लागत आयी थी. पानी के तेज बहाव के कारण पाया ध्वस्त हो गया.
गिरते बहते पुलों पर लालू यादव (ETV Bharat) 4 पुल लालू-राबड़ी काल में बने : सिवान जिले के लहलादपुर में 20 साल पुराना पुल ध्वस्त हो गया. पुल का निर्माण 2004 में हुआ था. इस पर 22 लाख की लागत आई थी. स्कूल के समानांतर जर्जर ब्रिटिश कालीन पुल अभी खड़ा है. पुल की लंबाई 70 फीट थी और पानी के तेज बहाव के कारण पुल का आधा हिस्सा गिर गया. एक दिन में गिरने वाले 6 पुलों में से 4 पुल लालू राबड़ी काल में बने थे.
अंग्रेजों के जमाने का पुल भी ढेर: डेढ़ सौ साल पुराना पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया सारण जिले के लहलादपुर प्रखंड के दानदासपुर पंचायत अंतर्गत गंडक नदी पर बना पुल ध्वस्त हो गया. पुल का निर्माण अंग्रेजी शासन काल में 1874 में कराया गया था. पानी के तेज बहाव के कारण पुल का आधा हिस्सा ध्वस्त हो गया.
बिहार में गिरते बहते पुल (ETV Bharat) मोतिहारी में निर्माणाधीन पुल ध्वस्त: मोतिहारी जिले में घोड़ासहन प्रखंड में अमवा से चैनपुर स्टेशन तक जाने वाली सड़क पर पुल का निर्माण हो रहा था, लेकिन ढलाई के बाद ही निर्माणाधीन पुल ध्वस्त हो गया लगभग डेढ़ करोड़ की लागत से पुल का निर्माण होना था. तकरीबन 40 फीट पुल का निर्माण हो चुका था. घटिया निर्माण सामग्री के चलते पुल ध्वस्त हुआ. ऐसा आरोप स्थानीय लोगों द्वारा लगाया जा रहा है.
अररिया में 18 जून को बकरा नदी पर बना पुल नदी में समा गया. 12 करोड़ की लागत से बने पुल के ध्वस्त होने से सैकड़ों गांव की उम्मीद खत्म हो गई. 2011 में 12 करोड़ की लागत से पुल का निर्माण हुआ था और इसके जिम्मेदारी पुल निगम के पास थी. बताया जाता है कि बारिश के कारण बकरा नदी का जलस्तर बढ़ गया और पुल दबाव नहीं झेल पाया.
बिहार के पुलों पर लगी किसकी नजर? (ETV Bharat) किशनगंज में 26 जून को मरिया नदी पर बना 13 साल पुराना पुल ध्वस्त हो गया. जिले के बहादुरगंज प्रखंड के गोवा बाड़ी पंचायत के पास पुल मूसलाधार बारिश के चलते ध्वस्त हुए पुल का निर्माण 2011 में कराया गया था. स्थानीय लोगों के मुताबिक पुल टूटा हुआ था और सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया.
मधुबनी में 28 जून को झंझारपुर अनुमंडल स्थित भुतही बलान 2 करोड़ 98 लाख की लागत से बन रहा यह पुल क्षतिग्रस्त हो गया. हैरत की बात यह है कि इस पुल का कंस्ट्रक्शन का काम मानसून के वक्त शुरू हुआ था. घटिया निर्माण सामग्री की वजह से पुल क्षतिग्रस्त हुआ.
बारिश भी नहीं हुई और पुल धड़ाम (ETV Bharat) विपक्ष के निशाने पर नीतीश सरकार : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार पर हमला बोला है तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि 4 जुलाई यानि आज सुबह बिहार में एक पुल और गिरा. कल 3 जुलाई को ही अकेले 5 पुल गिरे जिसे लेकर अभी तक 12 पुल ध्वस्त हो चुके है. राष्ट्रीय जनता दल प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि ''तमाम पुल एनडीए सरकार के कार्यकाल में बना है. इसके लिए नीतीश सरकार जिम्मेदार है और उन्हें जवाब देना चाहिए. पुल निर्माण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है. तेजस्वी यादव पर बेवजह एनडीए नेता आरोप लगा रहे हैं.''
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरीने कहा कि ''सरकार ने पुल गिरने की घटना को गंभीरता से लिया है. एक-एक पल का रिपोर्ट इकट्ठा किया जा रहा है. किसने पुल बनवाया था, किसके काल में बना था और उसके लिए जिम्मेदार कौन हैं. जो कोई भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.''
अवकाश प्राप्त इंजीनियर टीपी सिंह का मानना है कि ''पुल का लगातार ध्वस्त होना इस बात को प्रमाणित करता है कि पुल निर्माण में लगी कंपनियों घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर रही है. गिट्टी, सीमेंट, बालू और अन्य सामग्री उच्च क्वालिटी के नहीं उपयोग में ले जा रहे हैं. दक्ष इंजीनियरों की भी कमी है सामान्य तौर पर निर्माण के दौरान इंजीनियर निर्माण स्थल पर मौजूद नहीं होते हैं. इसके अलावा स्ट्रक्चर निर्माण के दौरान भी लापरवाही बारती जाती है. अंग्रेजों के जमाने में पुल का निर्माण होता था और उसकी मेंटेनेंस पॉलिसी भी थी, लेकिन आज की तारीख में कोई मेंटेनेंस पॉलिसी नहीं है. सरकार को चाहिए कि मेंटेनेंस पॉलिसी बनाए और जिम्मेदारी फिक्स की जाए.''
बिहार में पुल गिरने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा : बिहार में लगातार धराशायी हो रहे पुलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. ब्रजेश सिंह ने यह रिट याचिका दाखिल कर राज्य में हाल के वर्षों में हुए छोटे-बड़े पुलों के सरकारी निर्माण का स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने का आदेश देने की गुहार सुप्रीम कोर्ट से लगाई है.
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