नई दिल्ली: साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय, यूके के पहले भारतीय परिसर के शुरू होने से भारत में पाठ्यक्रम और अध्ययन के अवसरों के विस्तार और शोध, ज्ञान के आदान-प्रदान, उद्यम और जुड़ाव के मामले में छात्रों के लिए फायदेमंद होगा. उक्त बातें ईटीवी भारत से बात करते हुए यूजीसी के चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने गुरुवार को विश्वविद्यालय भारत के कैंपस के शुभारंभ पर कहीं. ब्रिटेन के साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय (UOS) को एक आशय पत्र (LOI) जारी किया गया, जिससे उन्हें भारत में अपना पहला कैम्पस स्थापित करने की अनुमति मिली.
इस अवसर पर यूजीसी के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने कहा, 'साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के भारतीय परिसर में जुलाई 2025 में अपने शैक्षणिक कार्यक्रम शुरू होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम व्यवसाय और प्रबंधन, कंप्यूटिंग, कानून, इंजीनियरिंग, कला और डिजाइन, जैव विज्ञान और जीवन विज्ञान विषयों पर केंद्रित होंगे.
जगदीश कुमार ने कहा, 'साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के भारतीय परिसर की शुरुआत छात्रों के लिए भारत में पाठ्यक्रम और अध्ययन के अवसरों का विस्तार करने और अनुसंधान, ज्ञान के आदान-प्रदान, उद्यम और जुड़ाव के मामले में फायदेमंद होगी.' साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय, यूके ने गुरुग्राम, भारत में शाखा परिसर खोलने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिसे विनियमों के अनुसार आशय पत्र जारी करने के लिए भारत और विदेश के प्रसिद्ध शिक्षाविदों वाली स्थायी समिति द्वारा अनुमोदित किया गया.
शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 में परिकल्पित अंतरराष्ट्रीयकरण के लक्ष्यों को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है. साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के भारतीय परिसर द्वारा प्रदान की जाने वाली डिग्रियां मेजबान विश्वविद्यालय के समान ही होंगी. भारत में साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के शाखा परिसर में पेश किए जाने वाले कार्यक्रमों में समान शैक्षणिक और गुणवत्ता मानक होंगे. साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय अग्रणी शोध-गहन यू.के. रसेल ग्रुप ऑफ़ यूनिवर्सिटीज़ का संस्थापक सदस्य है.
साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय डबल टॉप 100 विश्वविद्यालय है और क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग, 2024 में 81वें स्थान पर है. वहीं टाइम्स हायर एजुकेशन (टीएचई) वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग, 2024 में 97वें स्थान पर है. यूजीसी के अध्यक्ष ने भारत में एफएचईआई के परिसरों की स्थापना और संचालन से संबंधित मामलों की जांच के लिए एक स्थायी समिति का गठन किया. भारत में अपने परिसरों की स्थापना और संचालन के लिए एफएचईआई से ऑनलाइन प्रस्ताव एक पोर्टल के माध्यम से आमंत्रित किए गए थे.
इस अवसर केन्द्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर भी मौजूद रहे, साथ ही शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग के सचिव संजय मूर्ति, विदेश मंत्रालय के विदेश सचिवविक्रम मिस्री, भारत में ब्रिटेन की उप उच्चायुक्त क्रिस्टीना स्कॉट, साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष एंड्रयू एथरटन सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे. इनके अलावा राष्ट्रों के सम्मानित राजदूत, निजी और राज्य विश्वविद्यालयों के प्रख्यात शिक्षाविद, उद्योग के अधिकारी और अन्य विशिष्ट अतिथि शामिल थे.
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