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जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के 'जेनोफोबिया' वाले आरोप को किया खारिज - Jaishankar snubs Bidens remark - JAISHANKAR SNUBS BIDENS REMARK

Jaishankar snubs Prez Bidens, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के उस आरोप विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खारिज कर दिया है, जिसमें बारत को जेनोफोबिया बताया था. जयशंकर ने सीएए की आलोचना को भी नकार दिया. पढ़िए ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी की रिपोर्ट...

Jaishankar rejects US President Joe Biden's allegation of 'xenophobia'
जयशंकर ने राष्ट्रपति जो बाइडेन के 'जेनोफोबिया' वाले आरोप को किया खारिज (IANS)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 4, 2024, 3:22 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के उस बयान को खारिज किया है, जिसमें उन्होंने भारत को जेनोफोबिक बताया था. उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था लड़खड़ा नहीं रही है और भारत ऐतिहासिक रूप से एक बहुत ही खुला समाज रहा है. उन्होंने इस दावे को भी खारिज कर दिया कि भारत की आर्थिक वृद्धि लड़खड़ा रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर प्रकाश डाला.

जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा पेश किया गया नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) भारत के स्वागत योग्य दृष्टिकोण को दर्शाता है. जयशंकर ने स्थानीय मीडिया से बातचीत में कहा कि भारत हमेश से... भारत एक बहुत अनोखा देश रहा है...मैं वास्तव में कहूंगा कि दुनिया के इतिहास में यह एक ऐसा समाज रहा है जो बहुत खुला रहा है. उन्होंने कहा कि विभिन्न समाजों से अलग-अलग लोग भारत आते हैं.

जयशंकर ने सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम) की आलोचना को भी खारिज कर दिया और कहा कि कानून के लागू होने के बाद किसी भी व्यक्ति ने अपनी नागरिकता नहीं खोई है. उन्होंने अमेरिकी विश्वविद्यालय परिसरों में बड़े पैमाने पर फिलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शनों पर भी बात की. उन्होंने इसके पक्षपाती कवरेज के लिए पश्चिमी मीडिया के एक वर्ग की आलोचना करते हुए सुझाव दिया कि यह बहुत वैचारिक है और उद्देश्यपूर्ण रिपोर्टिंग नहीं है.

पाकिस्तान में आतंकवादियों की टारगेट किलिंग में भारत की संलिप्तता का दावा करने वाली रिपोर्टों पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वहां पर बड़ी संख्या में आतंकवादी हैं. उन्होंने कहा कि जहां वे बड़ी संख्या में होंगे ऐसे में वहां उनके साथ चीजें घटित होंगी. अब उन्होंने एक उद्योग बनाया है जो आतंकवादियों का उद्योग है... वहां इस तरह की चीजें हो सकती हैं.

बता दें कि गुरुवार को डेमोक्रेटिक पार्टी के फंडरेजर में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए बाइडेन ने कहा था कि यह चुनाव आजादी, अमेरिका और लोकतंत्र के बारे में है. इसलिए मुझे तुम्हारी सख्त जरूरत है. आप जानते हैं, हमारी अर्थव्यवस्था के बढ़ने का एक कारण आप और कई अन्य लोग हैं क्यों? क्योंकि हम आप्रवासियों का स्वागत करते हैं. हम कारण देखते हैं - देखते हैं, इसके बारे में सोचते हैं. चीन आर्थिक रूप से इतनी बुरी तरह क्यों रुक रहा है? जापान को परेशानी क्यों हो रही है? रूस को क्यों परेशानी हो रही है? भारत को क्यों परेशानी हो रही है? क्योंकि वे ज़ेनोफ़ोबिक हैं. वे अप्रवासियों को नहीं चाहते हैं. यह ध्यान रखना उचित है कि भारत और जापान क्वाड चार सदस्यीय रणनीतिक सुरक्षा वार्ता के सदस्य हैं जिसमें अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं. इसके अलावा, बाइडेन ने पिछले साल राजकीय यात्रा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेजबानी की, जबकि जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने आधिकारिक यात्रा के लिए अप्रैल में व्हाइट हाउस का दौरा किया था.

बाइडेन अपनी आव्रजन नीतियों को लेकर अपने विरोधियों और रिपब्लिकन पार्टी के निशाने पर रहे हैं, क्योंकि हर महीने सैकड़ों और हजारों अवैध अप्रवासी संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवेश करते हैं. 5 नवंबर के राष्ट्रपति चुनाव में आप्रवासन चर्चा का विषय है जिसमें राष्ट्रपति बाइडेन का मुकाबला रिपब्लिकन पार्टी के संभावित उम्मीदवार पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से होगा.

इस बीच, व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को बाइडेन की टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा कि वह अप्रवासियों पर एक व्यापक टिप्पणी कर रहे थे जो एक देश को मजबूत बनाता है और अमेरिका के सहयोगियों और साझेदारों को अच्छी तरह से पता था कि राष्ट्रपति उनका कितना सम्मान करते हैं. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन पियरे ने कहा कि अमेरिका के भारत और जापान के साथ मजबूत संबंध हैं. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि हमारे सहयोगी और साझेदार अच्छी तरह से जानते हैं कि यह राष्ट्रपति उनका कितना सम्मान करते हैं. वह इस देश के बारे में बोलते हुए एक व्यापक टिप्पणी कर रहे थे, वह इस बारे में बोल रहे थे कि अप्रवासियों का देश होना कितना महत्वपूर्ण है और यह हमारे देश को कैसे मजबूत बनाता है.

पियरे ने कहा, 'जाहिर तौर पर, भारत के साथ, जापान के साथ हमारे मजबूत रिश्ते हैं और अगर आप पिछले तीन वर्षों को देखें तो राष्ट्रपति ने निश्चित रूप से उन राजनयिक रिश्तों पर ध्यान केंद्रित किया है.' उन्होंने आगे कहा, 'अमेरिकी लोगों के लिए मायने रखने वाले मुद्दों पर बोलने में राष्ट्रपति हमेशा स्पष्ट रहते हैं. हम अप्रवासियों का देश हैं.

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