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अरुणाचल प्रदेश पर चीन के दावे का भारत ने दिया करारा जवाब, कहा- अरुणाचल भारत का अटूट हिस्सा था, है और रहेगा! - Dispute Between India and China

Dispute Between India and China, भारत और चीन के बीच अरुणाचल प्रदेश को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. हाल ही में चीन के रक्षा मंत्रालय ने अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा करते हुए एक बयान जारी किया था. इसका जवाब भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने मंगलवार को चीन इस दावे का जवाब दिया.

India and China dispute
भारत और चीन विवाद

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Mar 19, 2024, 3:57 PM IST

नई दिल्ली: भारत ने मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश पर चीनी रक्षा मंत्रालय की टिप्पणियों का खंडन करते हुए कहा कि 'इस संबंध में आधारहीन तर्क दोहराने से ऐसे दावों को कोई वैधता नहीं मिलती है.' भारत के विदेश मंत्रालय की यह प्रतिक्रिया चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल झांग शियाओगांग के एक बयान के बाद आई है.

इस बयान में शियाओगांग ने कहा था कि जांगनान चीन का अंतर्निहित क्षेत्र है और चीन कभी भी भारत की तथाकथित अरुणाचल प्रदेश की अवैध स्थापना को मान्यता नहीं देता है और इसका दृढ़ता से विरोध करता है. चीनी रक्षा मंत्रालय स्पोक्स ने कहा कि भारत की कार्रवाई सीमा पर स्थिति को आसान बनाने के दोनों पक्षों के प्रयासों के विपरीत है और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए अनुकूल नहीं है.

कर्नल झांग शियाओगांग ने आगे कहा कि 'हम चाहते हैं कि भारतीय पक्ष सीमा प्रश्न को जटिल बनाने वाली किसी भी कार्रवाई को रोके और सीमावर्ती क्षेत्रों में ईमानदारी से शांति और स्थिरता बनाए रखे. चीनी सेना अत्यधिक सतर्क रहती है और राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की दृढ़ता से रक्षा करेगी.'

चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता द्वारा की गई टिप्पणियों पर मीडिया के सवालों के जवाब में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने मंगलवार को कहा कि 'हमने चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता द्वारा भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश के क्षेत्र पर बेतुके दावों को आगे बढ़ाते हुए की गई टिप्पणियों पर ध्यान दिया है.'

जयसवाल ने कहा कि 'इस संबंध में आधारहीन तर्क दोहराने से ऐसे दावों को कोई वैधता नहीं मिलती है. अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग था, है और रहेगा. इसके लोग हमारे विकास कार्यक्रमों और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से लाभान्वित होते रहेंगे.' इससे पहले, चीनी विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अरुणाचल प्रदेश यात्रा पर भारत के साथ राजनयिक विरोध दर्ज कराया था, जहां उन्होंने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सेला सुरंग का उद्घाटन किया था.

अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत बताने वाले चीन ने कहा कि भारत के इस कदम से सीमा मुद्दा और उलझ जाएगा. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि 'चीन ने भारत द्वारा अवैध रूप से स्थापित तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को कभी मान्यता नहीं दी और वह इसका दृढ़ता से विरोध करता है.' वेनबिन ने कहा कि भारत को चीन के ज़ंगनान क्षेत्र को मनमाने ढंग से विकसित करने का कोई अधिकार नहीं है. चीन ने अरुणाचल प्रदेश का नाम जांगनान रखा है.

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