रांची: झारखंड की राजनीति में 1 फरवरी का दिन काफी उथल-पुथल भरा रहा. दिनभर राजनीतिक अटकलों का दौर जारी रहा. सबसे बड़ा सवाल ये था कि आखिर कब हेमंत सोरेन की कोर्ट में पेशी होगी और राज्यपाल की ओर से सरकार बनाने का न्यौता कब आएगा. हालांकि, ईडी की कार्रवाई के खिलाफ हेमंत सोरेन की ओर से हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका को लेकर इस बात की चर्चा भी जोरों पर थी कि क्या कोर्ट इस पर संज्ञान लेगा. इन्हीं सब गहमागहमी में एक फरवरी का दिन गुजरा.
हेमंत सोरेन का रहा बड़ा मुद्दा:31 जनवरी की देर रात हेमंत सोरेन को ईडी ने हिरासत में लिया था और पूरे दिन इस बात को लेकर अटकलें चलती रहीं कि हेमंत सोरेन को कोर्ट में कब पेश किया जायेगा. हालांकि, यह पहले से ही तय था कि दोपहर में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों द्वारा हेमंत सोरेन को पीएमएलए कोर्ट में पेश किया जाएगा और लगभग उसी समय ईडी कार्यालय से उन्हें कोर्ट में पेश किया गया.
हेमंत सोरेन की रिमांड पर हुई सुनवाई:प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने कोर्ट में अपनी बात रखते हुए हेमंत सोरेन को 10 दिन की रिमांड पर देने की मांग की थी. हालांकि, महाधिवक्ता ने इसका विरोध किया. एक घंटे से अधिक समय तक चली सुनवाई में हेमंत सोरेन को एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया और ईडी द्वारा मांगी गयी 10 दिन की रिमांड पर फैसला सुरक्षित रख लिया गया. इस संबंध में महाधिवक्ता ने बताया कि हमने कोर्ट के समक्ष यह बात रखी थी कि जिस जमीन के मामले में हमें दोषी बनाया गया है, उस पर हमारा कोई कब्जा नहीं है और न ही वह जमीन हमारे नाम पर है. हमने कोर्ट को यह भी बताया कि प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने गलत तरीके से हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया है. इसके बाद कोर्ट ने हेमंत सोरेन को एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. इस मामले पर 2 फरवरी को दोबारा सुनवाई होगी.
सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका: हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद हेमंत सोरेन की ओर से दो अर्जी दाखिल की गई है, जिसमें एक अर्जी पहली रांची हाई कोर्ट में दी गई और दूसरी अर्जी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई. हालांकि, रांची हाई कोर्ट में दायर याचिका 1 फरवरी को ही वापस ले ली गई, जिसमें कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गई है और इसकी सुनवाई 2 फरवरी को होनी है, इसलिए इस याचिका को वापस लिया जा रहा है. हेमंत सोरेन से जुड़े मामले पर 2 फरवरी को हाई कोर्ट में सुनवाई होगी. हेमंत सोरेन की ओर से कपिल सिब्बल इस मामले को देख रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट में भी यही बात कही गई है कि प्रवर्तन निदेशालय ने जिस पूरी प्रक्रिया में हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया है, वह पूरी प्रक्रिया गलत है.
विधायकों को हैदराबाद के लिए किया गया था रवाना, लेकिन लौटे वापस:महागठबंधन द्वारा विधायकों को झारखंड से बाहर भेजने की तैयारी भी शुरू कर दी गयी है. दिनभर चर्चा रही कि विधायकों को गैर-बीजेपी शासित राज्यों में भेजा जा सकता है. जिसमें सबसे सुरक्षित यह माना जा रहा है कि उन लोगों को तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद भेजा जा सकता है. हालांकि, राज्यपाल से 5:30 बजे का समय मिलने के बाद यह तय हुआ कि अब विधायकों को 5:30 के बाद ही कहीं भेजा जाएगा. 5:30 झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल द्वारा महागठबंधन के विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद चंपई सोरेन ने दूसरी बार राज्यपाल से मुलाकात की और उनसे सरकार बनाने का अनुरोध किया. लेकिन राज्यपाल की ओर से उन्हें सरकार बनाने का निमंत्रण नहीं मिला और उन्हें बताया गया कि इस पर अभी विचार-विमर्श चल रहा है. आपको जल्द ही बुलाया जाएगा. इसके बाद शाम करीब 7:00 बजे सभी विधायकों को रांची से हैदराबाद के लिए रवाना कर दिया गया. लेकिन रांची एयरपोर्ट पर प्लेन में बैठे विधायक इंतजार करते रहे और उनकी हवाई जहाज उड़ान नहीं भर पाई. लो विजिबिलिटी के कारण उन्हें उड़ान भरने की अनुमति नहीं मिली, जिसके कारण सभी विधायक वापस सर्किट हाउस लौट आए.
राजभवन में गहमागहमी:रांची में चल रहे सियासी घमासान के बीच राजभवन में भी दिन भर गहमागहमी रही. सुरक्षा व्यवस्था भी बेहद कड़ी कर दी गई. पूरे दिन सबकी निगाहें राजभवन पर टिकी रहीं. खासकर इस मुद्दे को लेकर कि राजभवन से सरकार बनाने का बुलावा कब आएगा. पूरे दिन के इस सियासी सफर के बाद तय हुआ कि अब सरकार बनाने को लेकर कोई फैसला नहीं लिया जाएगा क्योंकि सलाह-मशविरे के बाद ही चीजें होंगी. इससे यह साफ हो गया कि झारखंड की राजनीति में नई सरकार बनने में अभी वक्त लगेगा. ऐसे में राजभवन की भूमिका काफी अहम है और लोगों की निगाहें भी राजभवन के फैसले पर टिकी हैं.