नई दिल्ली: भारतीय रेलवे दुनिया की चौथी सबसे बड़ी रेल व्यवस्था है. यहां हर रोज करोड़ों की संख्या में लोग ट्रेन से सफर करते हैं. ऐसे में यात्रियों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के लिए रेलवे हर रोजाना हजारों ट्रेन का संचालन करता है.
ट्रेन से सफर करना काफी सुविधाजनक और किफायती भरा होता है. फ्लाइट की टिकट के मुकाबले आपको ट्रेन का टिकट काफी कम कीमत पर मिल जाता है. यह ही वजह कि ज्यादातर लोग ट्रेन से सफर करना पसंद करते हैं. इतना ही नहीं ट्रेन में सीट को लेकर कोई दिक्कत न हो इसलिए ज्यादातर लोग रिजर्वेशन करवाकर में सफर करते हैं.
टिकट रिजर्वेशन पर मिलता है इंश्योरेंस
बता दें कि जब कोई यात्रा ट्रेन से सफर करने के लिए रिजर्वेशन करवाता है तो उसे ऑनलाइन टिकट बुकिंग पर इंश्योरेंस की सुविधा भी मिलती है. यह इंश्योरेंस ट्रेन हादसे के बाद आपके और आपके परिवार के काम आता है.
इंश्योरेंस के लिए देना होता है कितना प्रीमियम?
IRCTC पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से ई-टिकट बुक करने वाले कन्फर्म/आरएसी रेलवे यात्रियों के लिए सितंबर 2016 से 0.92 रुपये प्रति यात्री के प्रीमियम पर वैकल्पिक यात्रा बीमा योजना शुरू की गई थी. इस योजना के तहत, रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 124 और 124ए के साथ धारा 123 के तहत परिभाषित ट्रेन दुर्घटना/अप्रिय घटनाओं के कारण आरक्षित यात्रियों की मृत्यु/चोट लगने की स्थिति में पीड़ित/परिवार या पीड़ित के कानूनी उत्तराधिकारी को बीमा राशि का भुगतान किया जाता है.
वैकल्पिक सुविधा है इंश्योरेंस
इंश्योरेंस का कवरेज प्रारंभिक स्टेशन से ट्रेन के वास्तविक प्रस्थान से लेकर डेस्टिनेश स्टेशन पर ट्रेन के वास्तविक आगमन तक वैध होगा, जिसमें ट्रेन में चढ़ने की प्रक्रिया और उतरने की प्रक्रिया शामिल है. गौरतलब है कि भारतीय रेलवे सिर्फ ऑनलाइन आरक्षित ट्रेनों में ही आपको इंश्योरेंस की सुविधा देती है और वह भी वैकल्पिक सुविधा होती है.
इंश्योरेंस के तहत कितना मिलता है मुआवजा?
(i) मृत्यु की स्थिति में 10 लाख रुपये.