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असम में HMPV वायरस ने दी दस्तक, 10 महीने के बच्चे में हुई पुष्टि, डॉक्टर की सलाह- 'सतर्क रहें' - HMPV CASE

HMPV वायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. बेंगलुरु, अहमदाबाद और तमिलनाडु के बाद असम में एचएमपीवी का मामला सामने आया है.

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एचएमपीवी वायरस. (सांकेतिक तस्वीर) (IANS)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 11, 2025, 2:09 PM IST

डिब्रूगढ़: कोविड महामारी के बाद अब एचएमपीवी वायरस पिछले कुछ दिनों से लोगों के बीच चिंता का विषय बना हुआ है. हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि यह वायरस कोविड जितना खतरनाक नहीं है. बेंगलुरु, अहमदाबाद और तमिलनाडु में सामने आए मामलों के बाद अब असम में एचएमपीवी का पहला मामला सामने आया है.

बच्चे की हालत कैसी हैः असम राज्य के डिब्रूगढ़ के लखीमपुर में एक बच्चे में एचएमपीवी वायरस का पता चला है. बच्चे की उम्र करीब 10 माह है. स्वास्थ्य संबंधी शिकायत होने पर उसे डिब्रूगढ़ के असम मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (AMCH) में भर्ती कराया गया था, जहां जांच करने पर एचएमपीवी वायरस का पता चला. डॉक्टर ने कहा कि बच्चा फिलहाल खतरे से बाहर है.

कैसे पता चला वायरस काःशनिवार को एएमसीएच के अधीक्षक डॉ. ध्रुबज्योति भुयान ने आधिकारिक तौर पर जानकारी देते हुए बताया कि आठ जनवरी को एक बच्चा बुखार और सर्दी की शिकायत के साथ असम मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. नियमित जांच के दौरान बच्चे में इस साल का पहला एचएमपीवी मामला पाया गया. अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि बच्चा स्वस्थ है. अब लक्षण कम हो रहे हैं.

वायरस पर क्या कहते हैं विशेषज्ञः डॉ. भुयान ने बताया कि "एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है, असम मेडिकल कॉलेज में 2014 से ही इसकी नियमित जांच की जाती रही है. अक्सर सामान्य बुखार से पीड़ित मरीज इस वायरस से प्रभावित होते हैं. 5 साल तक के बच्चों में अक्सर इस वायरस का पता चलता है. इसे सामान्य वायरस माना जाता है. इसमें ज्यादा चिंता की बात नहीं है."

स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की गई एडवाइजरी:

वायरस से बचाव के लिए क्या करें:

  1. छींकते या खांसते समय नाक और मुंह को ढकने के लिए रूमाल या टिश्यू का इस्तेमाल करें.
  2. भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें.
  3. साबुन पानी से हाथों को स्वच्छ रखें.
  4. अधिक मात्रा में पानी और तरल पदार्थों का सेवन करें और पौष्टिक आहार लें.
  5. सर्दी, जुकाम, बुखार आदि के लक्षण होने पर चिकित्सकीय परामर्श लें और चिकित्सकीय परामर्श पर ही औषधि का सेवन करें.
  6. लक्षण होने पर स्वस्थ लोगों से दूरी बनाकर रखें.

क्या न करें:

  1. हाथ मिलाने से परहेज करें.
  2. इस्तेमाल किए गए टिश्यू पेपर और रूमाल का पुनः उपयोग न करें.
  3. लक्षण ग्रसित लोगों से नजदीकी सम्पर्क से बचें.
  4. बिना चिकित्सीय परामर्श के औषधि का इस्तेमाल न करें.
  5. बार-बार आँख, नाक व मुँह को छूने से बचें सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से परहेज करें.

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