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आजम खान को हाईकोर्ट से झटका, डूंगरपुर में मकान जबरदस्ती गिराने के मामले में जमानत याचिका खारिज - Azam Khan Bail Reject

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डूंगरपुर मामले में सपा नेता आजम खान समेत तीन दोषियों की जमानत याचिका खारिज कर दी है. इस मामले में तीनों को स्थानीय कोर्ट से सजा मिल चुकी है.

आजम खान.
आजम खान. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 31, 2024, 8:35 PM IST

प्रयागराज: पूर्व कैबिनेट मंत्री और समाजवादी पार्टी के महासचिव मोहम्मद आजम खान और उनके तीन अन्य सहयोगियों को हाईकोर्ट से झटका लगा है. कोर्ट ने आवासीय भवन गिराकर कॉलोनी बनाने के मामले में आजम खान की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. इस मामले में आजम खान को स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए से 7 साल की सजा मिली है. जिसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की है. न्यायमूर्ति राजीव मिश्रा ने जमानत अर्जी पर सुनवाई करते के बाद इसे खारिज कर दिया. आजम खान के साथ ही कोर्ट ने इस मामले में बरकत अली उर्फ ठेकेदार तत्कालीन सीओआले हसन और अजहर खान की जमानत अर्जी भी खारिज कर दी है. इन तीनों को भी स्पेशल कोर्ट से सजा हो चुकी है.

शिकायतकर्ता एहतेशाम ने आजम खान सहित अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. जिसमें बताया था कि तीनों लोगों ने डूंगरपुर में स्थित आसरा आवास कॉलोनी बनाने के लिए उसका रिहायशी मकान गिरा दिया. मकान का सारा सामान और 25 रुपए रुपए नगद उठा ले गए. विरोध करने पर यह कहते हुए मारा पीटा कि तुम आज़म ख़ान को वोट नहीं देते हो. मकान को बुलडोजर लगाकर ढहा दिया गया. तत्कालीन नगर विकास मंत्री आजम खान की इसमें मिली भगत है. इस मामले में स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए रामपुर ने आजम खान सहित चारों अभियुक्तों को 16 मार्च 2024 को सजा सुनाई थी. आजम खान को 7 साल की सजा और 5 लाख जुर्माना जमाने की सजा आईपीसी की धारा 427 452 504 506 में सुनाई गई. सजा के खिलाफ आजम खान सहित सभी आरोपियों ने हाई कोर्ट में अपील दाखिल की है. इस दौरान जमानत पर रिहा किए जाने की मांग की गई.

जमानत अर्जी का अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव, अपर शासकीय अधिवक्ता जेके उपाध्याय और प्रशांत कुमार सिंह ने विरोध किया. कहा गया कि आजम खान के ऊपर 104 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. चार में सजा हो चुकी है. इसी प्रकार से तत्कालीन सीओ आले हसन पर 64 और बरकत अली पर 13 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. इन लोगों का दोष साबित हो चुका है. शिकायतकर्ता का मकान आसरा आवास कॉलोनी बनाने के इरादे से गिराया गया. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद जमानत अर्जी नामंजूर कर दी है.

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