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हेमंत सोरेन की अंतरिम जमानत याचिका पर 21 मई को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट - Hemant Soren interim bail plea

Hemant Soren interim Bail Plea,सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की याचिका पर ईडी से दो दिन में जवाब देने के लिए कहा है. साथ ही कोर्ट मामले में 21 मई को सुनवाई के दौरान ईडी का जवाब सुनेगा.

SC will hear ED's reply on Hemant Sorens interim bail plea on May 21
हेमंत सोरेन अंतरिम जमानत याचिका पर 21 मई को ईडी का जवाब सुनेगा एससी (IANS)

By Sumit Saxena

Published : May 17, 2024, 3:15 PM IST

नई दिल्ली :सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की उस याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय को दो दिन का समय दिया. जिसमें मौजूदा लोकसभा चुनाव के बीच प्रचार के लिए अंतरिम जमानत की मांग की गई थी, इसके परिणामस्वरूप अब तक सोरेन को कोई राहत नहीं मिली है.

ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि उनके पास सोरेन को विवाद में भूमि के टुकड़े से जोड़ने के लिए मजबूत सबूत हैं. राजू ने जोर देकर कहा कि उनके खिलाफ पुख्ता सबूत हैं और उनकी नियमित जमानत भी खारिज कर दी गई है. सोरेन का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि विचाराधीन भूमि कभी भी उनके मुवक्किल के कब्जे में नहीं थी और अदालत से उन्हें आम चुनाव के शेष चरणों के दौरान प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत देने का आग्रह किया.

पीठ ने सोरेन की अंतरिम जमानत के पहलू पर राजू से पूछताछ की. राजू ने जवाब दिया कि उन्हें बहुत पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था और चुनाव के चार चरण पहले ही खत्म हो चुके हैं, और इस बात पर जोर दिया कि वह सीधे तौर पर जमीन से जुड़े हुए हैं. सिब्बल ने कहा कि यह दिखाने के लिए कोई सामग्री नहीं है कि उनका मुवक्किल जमीन से जुड़ा है.

पीठ ने सिब्बल से कहा कि अदालत को प्रथम दृष्टया उनकी दलील से संतुष्ट होना होगा और न्यायाधीशों को ईडी की बात भी सुननी होगी. दलीलें सुनने के बाद, शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 21 मई को तय की है और ईडी को दो दिनों में अपना जवाब दाखिल करने को कहा है.

सोरेन के खिलाफ जांच रांची में 8.86 एकड़ जमीन के संबंध में है, जिस पर ईडी ने आरोप लगाया है कि यह जमीन उन्होंने अवैध रूप से हासिल की थी. मनी लॉन्ड्रिंग की जांच राज्य सरकार के अधिकारियों सहित कई लोगों के खिलाफ भूमि घोटाले मामलों में झारखंड पुलिस द्वारा दर्ज की गई कई एफआईआर से शुरू हुई है.

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