भिवानी/चरखी दादरी :हरियाणा सरकार पर मंडरा रहे सियासी संकट के बीच भिवानी पहुंचे हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि बीजेपी सरकार अल्पमत में है और उसे फौरन इस्तीफा दे देना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने जननायक जनता पार्टी (JJP) के गर्वनर को सरकार के अल्पमत में होने का पत्र लिखे जाने पर दुष्यंत चौटाला को बड़ा सियासी चैलेंज दे डाला है.
"बीजेपी सरकार अल्पमत में है" :भिवानी में मीडिया से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मौजूदा हालात में कांग्रेस के पास 30 विधायक हैं और सभी एकजुट हैं. 10 विधायक जजपा (JJP) के पास है. 3 निर्दलीयों ने कांग्रेस को समर्थन दे रखा है. एक विधायक बलराज कुंडू और इनेलो नेता अभय चौटाला भी सरकार के खिलाफ है. इस तरह देखा जाए तो 45 विधायक सरकार के खिलाफ हैं. पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पूर्व बिजली मंत्री रणजीत चौटाला के इस्तीफा देने के बाद 88 विधायकों में से 45 सरकार के खिलाफ है. ऐसे में मौजूदा सरकार को बने रहने का अधिकार नहीं है.
दुष्यंत चौटाला को भूपेंद्र सिंह हुड्डा का चैलेंज :इसके अलावा उन्होंने जेजेपी के गवर्नर को ख़त लिखे जाने के सवाल पर बोलते हुए कहा कि जननायक जनता पार्टी को राज्यपाल के सामने अपने सभी 10 विधायकों की परेड करवानी चाहिए. उन्होंने जननायक जनता पार्टी की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए और दुष्यंत चौटाला को चैलेंज देते हुए कहा कि जननायक जनता पार्टी पहले अपने सभी 10 विधायकों को लेकर चंडीगढ़ में गवर्नर के सामने परेड करवाने के लिए पहुंचे, हम अपने 30 विधायक लेकर पहुंच जाएंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि सीएम दुष्यंत चौटाला का अपने सभी 10 विधायकों को फ्लोर टेस्ट के लिए लाने का दावा ढकोसला है. जेजेपी के पास फिलहाल 10 विधायक नहीं है. उनके विधायक ही दूसरी पार्टियों के लिए वोट मांग रहे हैं. हुड्डा ने आगे दुष्यंत पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हरियाणा में स्वार्थ और लूट के आधार पर जेजेपी ने बीजेपी के साथ गठबंधन किया और अब दिखावा कर रही है.
श्रुति चौधरी का टिकट कटना हाईकमान का फैसला :वहीं किरण चौधरी की नाराजगी के सवाल पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि पूरा बंसीलाल परिवार उनके साथ है. आगे उन्होंने कहा कि चौधरी बंसीलाल का परिवार पूरा हरियाणा है. वहीं भिवानी-महेंद्रगढ़ से किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी के टिकट कटने के सवाल पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि ये पार्टी हाईकमान का फैसला है.