नगर आयुक्त हल्द्वानी पंकज उपाध्याय से खास बातचीत. हल्द्वानी:बनभूलपुरा थाना क्षेत्र के जिस 'मलिक के बगीचे' में सरकारी भूमि पर बने नमाज स्थल और मदरसे को हटाने पर बवाल हुआ है, उसकी सच्चाई हल्द्वानी नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय बता रहे हैं. उपाध्याय का कहना है कि हल्द्वानी के बनभूलपुरा थाना क्षेत्र के 'मलिक का बगीचा' इलाका कई एकड़ में फैला है. इस पर लोगों का कब्जा है. यह भूमि सरकार की है. कई वर्ष पहले भूमि की लीज निरस्त होने के बाद यह संपत्ति राज्य सरकार के पास है. कई सालों से लोग भूमि पर कब्जा कर बैठे हुए हैं. घटना का मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक इन अतिक्रमणकारियों की मदद कर रहा था.
बेची जा रही थी सरकारी जमीन: पुलिस द्वारा हल्द्वानी हिंसा का मास्टरमाइंड बताया जा रहे अब्दुल मलिक को लेकर हल्द्वानी नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि अब्दुल मलिक उस जमीन को ₹100 और ₹50 के स्टांप पर गरीब लोगों को बेचने का काम कर रहा था. नगर आयुक्त ने बताया कि जिस क्षेत्र को खाली कराया गया, वह करीब एक एकड़ में था. इस भूमि की लीज कब और किसे दी गई, इसका अभिलेख अभी उनके पास नहीं है लेकिन वो सरकारी भूमि है और राज्य सरकार के स्वामित्व में दर्ज है. उस भूमि को ₹100 और ₹50 के स्टांप में बेचने का काम किया जा रहा था. यहां तक कि वहां अवैध निर्माण और पार्किंग भी बनाई जा रही थी.
वर्तमान में भूमि पर कोई लीज नहीं: पंकज उपाध्याय ने बताया कि वर्तमान समय में उस भूमि पर किसी तरह की लीज नहीं है. भूमि की संपत्ति राज्य सरकार की है और इसकी देखभाल का जिम्मा नगर निगम के पास है. उपाध्याय ने बताया कि अभी तक अतिक्रमण हटाने के दौरान दो भवनों को ध्वस्त किया गया है. जबकि कुछ खाली भूमि को कब्जे में भी लिया गया है. हालांकि, ऐसे मकानों को ध्वस्त नहीं किया गया है जिसमें लोग रह रहे हैं.
डर का माहौल बनाकर किया गया अतिक्रमण: सरकारी भूमि पर मस्जिद और मदरसा निर्माण को प्रशासन ने क्यों नहीं रोका? इसके जवाब में नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने कहा कि इस क्षेत्र में कुछ लोग डर का माहौल बनाकर अतिक्रमण करने का काम कर रहे थे. यही कारण था कि निर्माण के दौरान उनको रोका नहीं गया. नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने बताया कि संज्ञान में आ रहा है कि सरकारी जमीनों को प्लाटिंग कर लोगों को बेचा जा रहा था.
ये है पूरा मामलाःहल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में सरकारी जमीन को हाईकोर्ट के निर्देश के बाद नगर निगम अतिक्रमणकारियों से खाली कराने की कार्रवाई कर रहा था. 8 फरवरी को 'मलिक का बगीचा' स्थान पर नगर निगम की टीम ने दो भवनों को ध्वस्त किया. इस दौरान अतिक्रमणकारियों ने कार्रवाई का विरोध किया और पुलिस पर पथराव किया. पथराव में कई पुलिसकर्मी और पत्रकार घायल हुए. उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव और पेट्रोल बम फेंके और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया. दंगाइयों ने बनभूलपुरा थाने को भी आग के हवाले कर दिया. इसके बाद पुलिस ने दंगाइयों पर काबू पाने के लिए फायरिंग की. इस पूरी घटना में अब तक 6 लोगों की मौत हुई है और कई लोग घायल हैं.
पुलिस ने अभी तक 36 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और 5 हजार अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस लगातार उपद्रवियों की धरकपड़ कर रही है. बनभूलपुरा में अभी भी कर्फ्यू जारी है. इंटरनेट सेवा भी बंद है. इस पूरी हिंसा का मास्टरमाइंड कहे जाने वाला अब्दुल मलिक अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है.
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