नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने भ्रामक विज्ञापनों के लिए विभिन्न कोचिंग सेंटरों को 45 नोटिस जारी किए हैं और अनुचित व्यापार प्रथाओं में शामिल होने के लिए 19 कोचिंग संस्थानों पर कुल 61 लाख रुपये से ज्यादा का जुर्माना लगाया है. इस बात की जानकारी उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री बीएल वर्मा ने दी.
वर्मा ने लोकसभा में सांसद धैर्यशील संभाजीराव माने और सुधीर गुप्ता के सवाल पर दिए एक लिखित जवाब में बुधवार को कहा कि सरकार ने कोचिंग सेक्टर में भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम के लिए दिशानिर्देश भी जारी किए हैं. दिशा-निर्देश सेलेक्शन की संख्या, सक्सेक रेट, रैंकिंग और गारंटीकृत एडमिशन से संबंधित झूठे दावे करने से रोकते हैं.
उन्होंने कहा, "13 नवंबर को केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम के लिए दिशानिर्देश जारी किए, जिनका उद्देश्य कोचिंग सेंटरों को झूठे या भ्रामक दावे करने से रोकना है."
मंत्री ने आगे कहा कि कोचिंग सेंटर्स को सफलता के बाद विज्ञापनों में छात्र के नाम, फोटो या प्रशंसापत्र का इस्तेमाल करने के लिए लिखित सहमति की आवश्यकता होती है. नए नियमों के तहत, कोचिंग सेंटरों को यह बताना होगा कि कोर्स की फीस छात्र द्वारा भुगतान की गई थी या किसी अन्य पक्ष ने उसे स्पॉन्सर किया था.
इसके अलावा प्रत्येक कोचिंग सेंटर को मंत्रालय के उपभोक्ता मामलों के विभाग के तहत राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH) के साथ साझेदारी करने की आवश्यकता है, जो छात्रों को भ्रामक विज्ञापनों और अनुचित व्यापार प्रथाओं के बारे में चिंता या शिकायत दर्ज करने में मदद करेगा.