नई दिल्ली: दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को वोटिंग होगी. इस बार पूर्ण बहुमत के साथ तीसरी बार आम आदमी पार्टी सरकार बनाने की कोशिश में जुटी है. तो मुख्य विपक्षी दल भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस ने भी अपने बड़े नेताओं को चुनाव मैदान में उतारकर आम आदमी पार्टी को कड़ी टक्कर देने की कोशिश की है. ऐसे में आम आदमी पार्टी क्या दिल्ली में तीसरी बार सरकार बनाने में सफल होगी या नहीं? पार्टी ने क्या रणनीति बनाई है इस पर दिल्ली के ब्यूरो हेड आशुतोष झा ने आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक और दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय से विस्तार से बात की. पढ़िए उनके प्रमुख अंश :
सवाल - दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतने के लिए आम आदमी पार्टी ने क्या रणनीति बनाई है?
जवाब - देखिए, आम आदमी पार्टी की ताकत है काम की राजनीति, आम आदमी पार्टी की सरकार ने तमाम विपरीत परिस्थितियों, अड़चनों के बाद, भारतीय जनता पार्टी के तिकड़मों के बावजूद दिल्ली के लोगों को काम करके दिखाया है. चाहे बिजली हो, पानी हो स्कूल हो, अस्पताल हो, बुजुर्गों की तीर्थ यात्रा हो, अनाधिकृत कॉलोनी में विकास हो या झुग्गी- झोपड़ी में काम करना हो, महिलाओं के लिए काम करना हो, बच्चों के लिए काम करना हो, तो हर फील्ड में आम आदमी पार्टी की सरकार ने काम किया है. उस काम को लेकर हम लोगों के बीच में जा रहे हैं. लोगों के अंदर से आवाज आ रही है कि अरविंद केजरीवाल की सरकार फिर से बनानी है.
सवाल - आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में दो बार पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई, तीसरी बार चुनाव में उतरे हैं, क्या एंटी इनकंबेंसी कहीं दिख रही है?
जवाब - देखिए अपेक्षाएं लोगों की ज्यादा है. लेकिन हमने जिस तरह से काम किया है लोगों को इस बात का भरोसा है कि वो काम आगे भी अगर कोई करने वाली पार्टी है तो वह आम आदमी पार्टी है. इन कामों को करने वाला कोई मुख्यमंत्री है तो वह अरविंद केजरीवाल है. इसलिए आम आदमी पार्टी पर लोग भरोसा करते हैं. क्योंकि सामने जो पार्टी है, कांग्रेस पार्टी दिल्ली में दूर-दूर तक सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है. भारतीय जनता पार्टी का जहां तक प्रश्न है तो लोगों को यह दिख रहा है कि दिल्ली की सातों लोकसभा सीट से सांसद बीजेपी के हैं, लेकिन जब काम की बात आती है तो भारतीय जनता पार्टी को वोट नहीं देते हैं. अगर लोगों को लगता है कि हमें काम चाहिए तो अरविंद केजरीवाल की सरकार चाहिए.
सवाल - इस बार आप क्या राजनीतिक परिदृश्य बनते हुए देख रहे हैं? बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने संकल्प पत्र जारी किया है, केजरीवाल ने उसे आम आदमी पार्टी के मेनिफेस्टो का कॉपी पेस्ट बताया है. आप क्या मानते हैं?
जवाब - देखिए, भारतीय जनता पार्टी इस चुनाव में पूरी तरह से कंफ्यूज है. नेता कौन होगा? कहते हैं चुनाव जीतने के बाद तय होगा. नेता मोदी जो हैं तो वे देश के प्रधानमंत्री हैं. प्रधानमंत्री तो मुख्यमंत्री बनने वाले नहीं है. एक तो नेता नहीं है. उनके पास दूसरा नीतियां क्या होगी? उसको लेकर भयंकर तरीके से भारतीय जनता पार्टी में कंफ्यूजन है. वह अब तक फ्री पानी-बिजली को लेकर गाली देते रहे, फ्री में केजरीवाल देता है अब मजबूरी में उन्हें भी फ्री का घोषणा करना पड़ा है.
सवाल - भाजपा द्वारा दिल्ली चुनाव में फ्री योजनाओं का ऐलान, क्या आपको नहीं लगता यह उनकी विचारधारा से हटकर है, क्योंकि वो इसका विरोध करते रहे हैं?
जवाब -यह हार की हताशा की मजबूरी है. उनको लगता है कि जो अरविंद केजरीवाल को मात नहीं दे सकते हैं, इसलिए वह हताश में सारी बातें जो खुद ही विरोध करते थे, उसके उलट आज बोल रहे हैं. इसलिए जनता के मन में सवाल है कि कल जिस चीज का विरोध कर रहे थे अगर आज वोट दे भी दे तो उनकी विचारधारा तो यह नहीं की फ्री देने की. तो जीतने के बाद कहीं वह नहीं देंगे. वोट के दबाव में तो भाजपा ने कहीं यह ऐलान नहीं किया है? केजरीवाल के बारे में छवि बन चुकी है कि वह पहले भी लागू किया है और बाद में भी लागू करेगा.
सवाल -भाजपा के पास सीएम का कोई चेहरा नहीं है, लेकिन पीछे का रिकॉर्ड देखें तो किसी चेहरे को आगे कर पार्टी ने चुनाव नहीं लड़ा है, हां होर्डिंग्स में मोदी जी तस्वीर दिख रही है, इसे किस तरह देखते हैं?
जवाब - तो क्या, मोदी जी दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने वाले हैं, मुख्यमंत्री तो नहीं बनेंगे. मोदी जी वह देश के प्रधानमंत्री हैं. दिल्ली के लोग यह जानना चाहते हैं कि भाजपा का सीएम कैंडिडेट कौन है. दिल्ली को कौन चलाएगा? दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन होगा? भारतीय जनता पार्टी के पास लीडर ही नहीं है, दिल्ली को चलाने के लिए. नीचे की हालत हम देख रहे हैं कि वह फ्री/फ्री-फ्री में करने लगे हैं जो फ्री में देने का नारा केजरीवाल ने उठाया मजबूरी में भाजपा को पकड़ना पड़ रहा है. तो जनता के बीच में यह संदेश है कि हम मजबूर आदमी को क्यों चुने, जिसका सिद्धांत ही है जनता की सेवा करना सहयोग करना, सुविधा देना उसी के साथ खड़े रहे.
सवाल -अरविंद केजरीवाल को जिन शर्तों पर जमानत मिली है, बीजेपी का कहना है वो सीएम नहीं बन सकते, तो क्या पार्टी किसी को भी चेहरा बना सकती है.
जवाब - तो भाजपा वाले कह रहे है ना कि अरविंद केजरीवाल सीएम बनने जा रहे हैं, तो वह मान रहे हैं कि केजरीवाल सीएम बनने जा रहे हैं. आम आदमी पार्टी की सरकार बनने जा रही है. ऐसा तो मान रहे हैं. बड़ी बात यह है कि अरविंद केजरीवाल को सीएम नहीं बनने देना है, तो कोर्ट ने कहा है कि सीएम बनने का हक है.
सवाल - कांग्रेस पिछले चुनावों की तुलना में इस बार उभरकर लड़ने की कोशिश कर रही है, इसे किस रूप में देख रहे हैं?
जवाब - पूरी दिल्ली के मन में सवाल है कि दिल्ली के लोगों को सीएम चाहिए. काम सरकार से होता है. कांग्रेस सरकार बनने से बहुत दूर है. आज जीरो विधायक है, तो कांग्रेस सरकार बना ले, ऐसी स्थिति दूर-दूर तक नहीं है. इसीलिए कोई वोट खराब नहीं करना चाहता है. लोगों को यही लगता है कि काम के लिए वोट देना है, काम करने वाले को वोट देना है.