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कक्षा 9वीं की छात्रा ने बचाई मां और बच्चों की जान, लोग लड़की की बहादुरी और हिम्मत को कर रहे सलाम - Spoorti the Brave Girl of Karnataka

Brave Girl of Belagavi: कर्नाटक की 9वीं कक्षा की छात्रा स्फूर्ति ने एक महिला और उसके बच्चों की जान बचाकर समाज में इंसानियत की बड़ी मिसाल कायम की है. अब उसके लिए बहादुरी पुरस्कार की मांग उठने लगी है. वहीं कर्नाटक की महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर ने छात्रा को बधाई दी और 5 हजार रुपये का नकद पुरस्कार दिया.

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9वीं कक्षा की छात्रा स्फूर्ति विश्वनाथ को मंत्री ने दी बधाई (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 11, 2024, 7:30 PM IST

बेलगावी: कर्नाटक के बेलगावी जिले में आत्महत्या करने की कोशिश कर रही मां और दो छोटे बच्चों को बचाकर एक स्कूली छात्रा समाज के लिए एक आदर्श बन गई है. बेलगावी के बालिका आदर्श विद्यालय की 9वीं कक्षा की छात्रा स्फूर्ति विश्वनाथ सवाशेरी ने अपनी सूझबूझ से एक महिला को उसके दो बच्चों के साथ चलती ट्रेन के सामने आत्महत्या करने से बचाया. लड़की की इस बहादुरी को देखते हुए शिक्षकों ने उसे बहादुरी पुरस्कार से सम्मानित करने की मांग की है.

कर्नाटक की छात्रा ने मां और बच्चों की बचाई जान
22 अगस्त, 2024 को रात 8.30 बजे स्फूर्ति अपने माता-पिता के साथ कार में यात्रा कर रही थी. ठीक उसी समय, बेलगावी के कांग्रेस रोड पर रेलवे के गेट के पास एक अज्ञात महिला अपने दो बच्चों के साथ रेलवे ट्रैक पर चलती हुई दिखाई दी. यह संदेह होने पर कि महिला अपने बच्चों के साथ आत्महत्या करने की कोशिश कर रही है, स्फूर्ति तुरंत कार से बाहर निकली और उसे बचाने दौड़ पड़ी.

मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर ने बहादुर छात्रा को बधाई दी (ETV Bharat)

उसने पास से गुजर रहे लोगों को भी बुलाया और उनकी मदद से वह मां और बच्चों को वहां सुरक्षित बाहर निकालने में सफल रही. इसके बाद उन्होंने अपने रिश्तेदारों के माध्यम से उन्हें सुरक्षित घर भिजवाया. इस तरह एक स्कूल की छात्रा ने महिला और उसके दो बच्चों को बचाकर समाज में एक मिसाल कायम की है.

छात्रा स्फूर्ति को सम्मानित किया गया (ETV Bharat)

लड़की की बहादुरी समाज के लिए मिसाल
ईटीवी भारत से बात करते हुए स्फूर्ति ने भावुक होकर कहा कि, अगर वह महिला और बच्चे की जान नहीं बचा पाती तो उसे उम्र भर इसका अफसोस होता. लड़की ने कहा कि उसे उन लोगों को बचाकर बड़ी खुशी हो रही है और वह अपने इस काम से संतुष्ट है. स्फूर्ति ने कहा कि उनके माता-पिता शरणार्थियों और जरूरतमंदों के कल्याण के लिए काम करते हैं. स्फूर्ति को अपने माता-पिता से ही अच्छे कामों के लिए प्रेरणा मिलती है.

छात्रा स्फूर्ति अपने परिवार के साथ (ETV Bharat)

स्फूर्ति पिता विश्वनाथ सवाशेरी ने कहा कि, जब वह उस घटना को याद करते हैं तो उनके पैर आज भी कांपने लगते हैं. उन्होंने इस दौरान अपनी बेटी की बहादुरी की जमकर तारीफ की. उन्होंने आगे कहा कि, अगर उनकी बेटी ने कुछ और हासिल किया होता तो भी उसे इतनी खुशी नहीं होती, जितनी खुशी उन्हें आज हो रही है. उन्होंने कहा कि, महिला और बच्चों के बच जाने से उन्हें काफी खुशी हो रही है और यह भी शिक्षकों द्वारा सिखाए गए अच्छे संस्कारों की वजह से है.

बहादुरी पुरस्कार की मांग
कक्षा 9वीं की छात्रा स्फूर्ति की इस बहादुरी को देखते हुए शिक्षकों, लोगों ने उसके लिए ब्रेवरी अवॉर्ड से सम्मानित किए जाने की बात कही. शिक्षक मंजूनाथ गोलीहल्ली ने कहा कि, स्फूर्ति ने बालिका आदर्श विद्यालय का गौरव और सम्मान को बढ़ाया है.

मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर ने छात्रा स्फूर्ति को सम्मानित किया (ETV Bharat)

मंत्री ने लक्ष्मी हेब्बालकर दिया नकद पुरस्कार
स्फूर्ति सवाशेरी के मानवीय कार्यों की सराहना करते हुए कर्नाटक की महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर ने उन्हें बधाई दी और 5 हजार रुपये का नकद पुरस्कार दिया. लेकिन, स्फूर्ति ने फिर से मानवता का परिचय देते हुए उन पैसों से रोजमर्रा की किराने की चीजें खरीदकर महिलाओं को दी और बाकी पैसे भी उन्हें दे दिए. साथ ही, स्फूर्ति ने हिम्मत दी है कि आगे से कभी आत्महत्या जैसा गलत फैसला नहीं लेना चाहिए. दूसरी तरफ, छात्रा स्फूर्ति सव्वाशेरी के मानवीय कार्यों के लिए बालिका आदर्श विद्यालय के शिक्षकों ने सम्मानित किया और छात्रों ने बधाई दी.

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