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विदेश सचिव क्वात्रा भूटान की यात्रा पर, द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर रहेगा जोर - भारत भूटान संबंध

Foreign Secretary Kwatra Bhutan visit : विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा भूटान की तीन दिन की यात्रा पर हैं. क्वात्रा की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब चीन और भूटान अपने पुराने सीमा विवाद के जल्द समाधान के लिए प्रयासरत हैं. भारत की भी पूरे घटनाक्रम पर नजर है.

Kwatra discussing in Bhutan
भूटान में चर्चा करते क्वात्रा

By PTI

Published : Jan 29, 2024, 9:48 PM IST

Updated : Jan 29, 2024, 10:10 PM IST

नई दिल्ली: विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा की सोमवार को भूटान की तीन दिवसीय यात्रा शुरू हो गई. भूटान में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के नेता त्सेरिंग टोबगे के नेतृत्व में नई सरकार के गठन के बाद भारत की ओर यह पहली उच्च स्तरीय यात्रा है. क्वात्रा की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब चीन और भूटान अपने पुराने सीमा विवाद के त्वरित समाधान के लिए प्रयासरत हैं और उसका भारत के सुरक्षा हितों पर प्रभाव हो सकता है.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि विदेश सचिव 29 जनवरी से 31 जनवरी तक के लिए भूटान की सरकारी यात्रा पर गए हैं. उसने एक संक्षिप्त बयान में कहा, 'विदेश सचिव क्वात्रा (भूटान के) राजा से भेंटवार्ता करेंगे. वह भूटान के प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री, विदेश सचिव एवं राजशाही सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से भी भेंट करेंगे.'

उसने कहा, 'यह यात्रा भूटान और भारत के बीच नियमित रूप से होने वाले उच्च स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा के तहत हो रही है.' टोबगे ने रविवार को भूटान के प्रधानमंत्री का पदभार संभाला. वहां इस माह के प्रारंभ में चुनाव में उनकी पार्टी पीडीपी विजयी हुई थी.

करीब तीन महीने पहले भूटान के तत्कालीन विदेश मंत्री टांडी दोरजी ने बीजिंग में अपने चीनी समकक्ष वांग यी से भेंटवार्ता की थी. उस वार्ता के बाद चीन की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया था कि भूटान 'वन चाइना' सिद्धांत को दृढ़ता से मानता है और वह सीमा विवाद के त्वरित समाधान के लिए चीन के साथ काम करने तथा राजनयिक संबंध स्थापित करने के वास्ते राजनीतिक प्रक्रिया को पहले पूरा कर लेने तैयार है.

भारत भूटान और चीन के बीच उनके सीमाविवाद को लेकर चल ही वार्ता पर नजर बनाए हुए है क्योंकि भारत के सुरक्षा हितों खासकर डोकलाम त्रिमुख पर इसका असर हो सकता है. पिछले साल अगस्त में चीन और भूटान अपने लंबित सीमा विवाद के समाधान के वास्ते 'तीन चरण के रोडमैप' वाले समझौते के शीघ्र क्रियान्वयन एवं इस सिलसिले में साथ साथ कदम उठाने पर सहमत हुए थे.

अक्टूबर, 2021 में भूटान और चीन ने अपने सीमाविवाद के समाधान के वास्ते वार्ता को जल्द पूरा करने के लिए 'तीन चरण के रोडमैप' वाले समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.

इस समझौते पर हस्ताक्षर होने से चार साल पहले भारत और चीन की सेनाएं डोकलाम त्रिमुख पर 73 दिनों तक एक दूसरे के सामने डटी रही थीं क्योंकि चीन ने अपनी एक सड़क को उस क्षेत्र तक ले जाने की कोशिश की थी जिसे भूटान अपना भाग होने का दावा करता है. डोकलाम में 2017 के इस भारत-चीन गतिरोध से दोनों पड़ोसियों के बीच बड़े संघर्ष का अंदेशा पैदा हो गया था. भूटान ने कहा था कि यह क्षेत्र उसका है तथा भारत ने उसके दावे का समर्थन किया था.

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Last Updated : Jan 29, 2024, 10:10 PM IST

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