रायपुर: छत्तीसगढ़ में 750 करोड़ के रिएजेंट, स्वास्थ्य विभाग के उपकरणों की खरीद में अनियमितताओं के लिए FIR दर्ज की गई है. पुलिस ने कहा कि छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और चार फर्मों के खिलाफ 2023 में कुल मिलाकर 750 करोड़ से अधिक मूल्य के चिकित्सा उपकरण और अभिकर्मक रसायन की खरीद में कथित अनियमितताओं के लिए मामला दर्ज किया गया है.
750 करोड़ का कथित घोटाला: भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और आर्थिक अपराध शाखा ने यह मामला दर्ज किया है. कथित घोटाले में स्वास्थ्य केंद्रों में इन सामानों की उपलब्धता सुनिश्चित किए बिना अभिकर्मकों और उपकरणों की खरीद शामिल है. जिससे राज्य के खजाने को करोड़ों का नुकसान हुआ. छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड रायपुर और स्वास्थ्य सेवा विभाग के निदेशालय के अधिकारी और चार फर्म - मोक्षित कॉर्पोरेशन-दुर्ग, सीबी कॉर्पोरेशन-दुर्ग शामिल हैं. एसीबी के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि 22 जनवरी को दर्ज एफआईआर में रिकॉर्ड्स एंड मेडिकेयर सिस्टम एचएसआईआईडीसी, पंचकूला (हरियाणा) और श्री शारदा इंडस्ट्रीज, रायपुर और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.
4 कंपनियों के खिलाफ शिकायत: पुलिस ने बताया कि एफआईआर में किसी व्यक्ति का नाम नहीं है. अधिकारी के मुताबिक इस सिलसिले में सोमवार को हरियाणा और दुर्ग जिलों में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर छापेमारी की गई. अधिकारी ने बताया कि छापेमारी में मोक्षित कॉरपोरेशन, श्री शारदा इंडस्ट्रीज और रिकॉर्ड्स एंड मेडिकेयर सिस्टम के परिसर शामिल थे. जांच के दौरान कई दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, बैंक खातों का विवरण और दस्तावेज बरामद किए गए हैं.
FIR में क्या है: एफआईआर में कहा गया है कि राज्य के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने 2021 में (पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान) हमर लैब (जिला स्तर और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर एक डायग्नोस्टिक सेंटर) की स्थापना के लिए आवश्यक उपकरण, मशीनें आदि खरीदने के निर्देश जारी किए. सूत्रों के अनुसार तत्कालीन निदेशक स्वास्थ्य सेवा विभाग ने 11 जनवरी 2022 को एक पत्र के माध्यम से सीजीएमएससीएल (सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए गुणवत्ता परीक्षण की गई दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की खरीद और वितरण के लिए जिम्मेदार) को मशीन और अभिकर्मकों की खरीद और आपूर्ति के लिए सूचित किया था. जिसके बाद निगम द्वारा मार्च और अप्रैल 2023 में इन वस्तुओं की खरीद की गई.
बिना तैयारी के खरीदी की गई: एफआईआर में कहा गया है कि अभिकर्मकों की खरीद कथित तौर पर इसकी आवश्यकता के उचित आकलन के बिना और मानक खरीद प्रक्रियाओं का पालन किए बिना की गई. सूत्रों ने कहा कि तब स्वास्थ्य सेवा निदेशालय ने कथित तौर पर अभिकर्मकों और मशीनों की आवश्यकता के लिए जिला स्तर पर अध्ययन नहीं किया. उपकरणों की स्थापना के लिए संबंधित संस्थान में उचित स्थान, बिजली आपूर्ति, कोल्ड स्टोरेज व्यवस्था की उपलब्धता का आकलन किए बिना मांग पत्र जारी किया गया.