रांची:वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने लगातार पांचवी बार झारखंड का बजट पेश कर पूर्व मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री रहे रघुवर दास के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है. 27 फरवरी को उन्होंने 1 लाख 28 हजार 900 करोड़ का बजट पेश किया. पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में बजट का आकार 10.7 प्रतिशत बढ़ा है. मुख्य विपक्षी दल भाजपा के सदन से वॉक आउट के बीच बजट भाषण के दौरान रामेश्वर उरांव ने कहा कि जब इनकी सरकार थी तो गरीबों को माड़-भात मिलता था. लेकिन हमारी सरकार ने राज्य सुरक्षा योजना के कार्डधारी परिवारों को सोयाबीन-बड़ी भी देने का फैसला लिया है.
किसानों के हित में बड़ा फैसला
बजट में किसानों के हित का ख्याल रखा गया है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में ऋण माफी की सीमा 50 हजार रु. से बढ़ाकर 2 लाख कर दी गई है. साथ ही एनपीए खाता धारक किसानों को भी इस योजना के तहत शामिल करने का प्रस्ताव है. वित्त मंत्री ने कहा कि एक अनुमान के मुताबिक करीब 3 लाख किसान इस दायरे में आएंगे. इतने परिवारों को इसका लाभ मिलेगा.
पहली बार बाल बजट पर फोकस
पहली बार राज्य सरकार ने बाल बजट तैयार किया है. हालांकि यह आम बजट का ही हिस्सा है. इसका मकसद है बच्चों के विकास के लिए समेकित प्रयास करना. इस साल आउटकम बजट की कुल 216 योजनाओं मं से बच्चों से संबंधित करीब 80 योजनाओं के आदार पर बाल बजट तैयार किया गया है. इसके लिए 8,866.69 करोड़ रु. का प्रावधान है
गरीबों के लिए अबुआ आवास पर जोर
बजट में राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना अबुआ आवास पर विशेष जोर दिया गया है. प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना का लाभ नहीं ले पाए गरीब परिवारों को पक्का मकान बनाने के लिए राज्य सरकार पांच किस्त में 2 लाख रु. की आर्थिक सहायता मुहैया कराएगी. वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 में 2 लाख, वित्तीय वर्ष 2024-25 में 3 लाख 50 हजार और वित्तीय वर्ष 2025-26 में 2 लाख 50 हजार यानी कुल 8 लाख परिवारों तक इस योजना का लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन आवेदनों की संख्या को ध्यान में रखते हुए सरकार अब 2024-25 से 2027-28 तक हर साल 4 लाख 50 हजार परिवारों यानी 20 लाख परिवारों को इसका लाभ देने की तैयारी कर रही है. इसके मद्देनजर वित्तीय वर्ष 2024-25 में 4,831.83 करोड़ का प्रावधान किया गया है.
मुख्यमंत्री सर्वजन पेंशन योजना का दायरा बढ़ा
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सर्वजन पेंशन योजना की शुरुआत की थी. इसके तहत 60 साल पूरे करने पर पेंशन दिया जाता है. लेकिन अब दिव्यांग, आदिम जनजाति, निराश्रित महिलाओं, एचआईवी से ग्रसित मरीज, ट्रांसजेंडर्स के साथ-साथ 50 साल की आयु पूरी करने वाले आर्थिक रुप से कमजोर सभी महिलाओं और एसटी-एससी जाति के लोगों को पेंशन का लाभ मिलेगा. इसके लिए बजट में 3,107.40 करोड़ का प्रावधान किया गया है. एक अनुमान के मुताबिक करीब 23 लाख 50 हजार लाभार्थी लाभ उठा सकेंगे.
पुरानी पेंशन योजना का वित्तीय भार
कर्मियों के रिटायर होने पर उन्हें आर्थिक जोखिम से बचाने के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू है. इसका वित्तीय भार कम करने के दृष्टिकोष से वर्ष 2023-24 में लागू पेंशन कोष में वर्ष 2024-25 में 780 करोड़ रु के निवेश का प्रस्ताव है.
जनप्रतिनिधियों के मानदेय में वृद्धि का फैसला
राज्य सरकार ने निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के मानदेय में बढ़ोतरी का फैसला लिया है. इसके तहत जिला परिषद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, प्रमुख, उपप्रमुख, मुखिया, उपमुखिया, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य और ग्राम पंचायत सदस्यों के मानदेय में बढ़ोतरी की है. करीब 12 वर्षों के बाद इनके मानदेय में इजाफा हुआ है. इजाफे की राशि 500 रु. से 1000 रु. तक अनुमानित है.