कोलकाताः पश्चिम बंगाल में कथित रूप से एक्सपाय स्लाइन चढ़ाने के कारण एक प्रसूता की मौत एवं चार अन्य के बीमार पड़ने के मामले में प्रदेश सरकार ने मिदनापुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के 12 डॉक्टरों को निलंबित कर दिया. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घटना की निंदा करते हुये कहा कि उनकी सरकार मृत महिला के परिवार को पांच लाख रुपये का मुआवजा और एक सरकारी नौकरी देगी. इस बीच आज एक नवजात की भी मौत हो गयी.
नवजात की मौत से आक्रोशः नवजात की मौत के बाद परिजनों में आक्रोश है. मृत शिशु के पिता ने कहा, "सीआईडी द्वारा जारी जांच के बावजूद, हम सीबीआई जांच की मांग करते हैं. हमें पता होना चाहिए कि अस्पताल में क्या हो रहा है." जन्म के बाद, रेखा साहू के बच्चे के अलावा सभी नवजात स्वस्थ थे. रुइदास के नवजात शिशु को पिछले मंगलवार को हालत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन बुधवार दोपहर को उसे छुट्टी दे दी गई.
सीआईजी जारी रखेगी जांचः ममता बनर्जी ने कहा कि "यह एक दुर्भाग्यपूर्ण और भावनात्मक घटना है और हमारी सरकार इसका समर्थन नहीं करती। सीआईडी एवं विशेषज्ञ समिति द्वारा दायर रिपोर्ट एक जैसी है। हमें कई डॉक्टरों की लापरवाही का पता चला है, इसलिए हमने 12 चिकित्सकों को निलंबित करने का फैसला किया है." उन्होंने बताया कि 12 डॉक्टरों में अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक और उप-प्राचार्य, आरएमओ और छह स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर शामिल हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि सीआईडी डॉक्टरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करेगी और कानून के अनुसार जांच जारी रखेगी.
क्या है मामलाः 8 जनवरी को मम्पी सिंह, नसरीन खातून, मीनारा बीबी, रेखा साहू और मामोनी रुइदास का अस्पताल में प्रसव कराया गया था. रुइदास की दो दिन बाद मौत हो गई. मम्पी सिंह, नसरीन खातून और मीनारा को उनकी हालत बिगड़ने के बाद कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में रेफर कर दिया गया. रेखा साहू की हालत स्थिर होने के कारण अस्पताल में ही उसका इलाज किया जा रहा है. इस बीच गुरुवार की सुबह 9 बजे शिशु की मौत हो गई.
स्टॉक हटाने के निर्देशः रुइदास की मौत के बाद, उसके परिवार ने लापरवाही और एक्सपायर हो चुकी सलाइन देने का आरोप लगाते हुए लिखित शिकायत दर्ज कराई. इस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए, राज्य सरकार ने मौत के कारणों की जांच के लिए 13 सदस्यीय टीम को अस्पताल भेजा. मंगलवार को चूक को स्वीकार करते हुए, मुख्य सचिव मनोज पंत ने सीआईडी जांच के आदेश दिए. सरकार ने राज्य भर में सभी स्वास्थ्य सेवा संस्थाओं से उक्त कंपनी द्वारा आपूर्ति की गई सभी दवाओं के स्टॉक को हटाने का भी निर्देश दिया.
स्वास्थ्य सेवा में लापरवाहीः स्वास्थ्य विभाग ने सभी राज्य संचालित मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों-सह-उप-प्रधानाचार्यों और जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे "पश्चिम बंगा फार्मास्यूटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा उनके अधिकार क्षेत्र में आपूर्ति किए गए कंपाउंड सोडियम लैक्टेट इंजेक्शन (आरएल) के मौजूदा स्टॉक को पूरी तरह से बंद कर दें" इस घटना ने राज्य के स्वास्थ्य सेवा मामलों में लापरवाही को लेकर चिंता बढ़ा दी है.
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