चंडीगढ़: लोकसभा चुनाव के तहत हरियाणा में नामांकन का दौर जारी है. हरियाणा में छठे चरण के तहत 25 मई को मतदान होना है. लोकसभा चुनाव में हरियाणा बीजेपी क्या उम्मीद कर रही है? कांग्रेस और बीजेपी नेताओं की नाराजगी दोनों पार्टियों के लिए किस तरह परेशानी का सबब बन सकती है? जेजेपी और इनेलो पर क्या चुनाव में बड़ा असर दिखा पाएगी? इन्हीं सब तमाम बातों को लेकर ईटीवी भारत ने हरियाणा के वित्त मंत्री जेपी दलाल के साथ खास बातचीत की.
सवाल- सभी राजनीतिक दलों ने अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिए आप किस तरीके का मुकाबला देखते हैं?
जवाब- पिछले लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 में हरियाणा के लोगों ने नरेंद्र मोदी को सरकार बनाने के लिए अपना वोट दिया था. हरियाणा में उससे बेहतर स्थिति है, क्योंकि पिछले पांच साल में जिस तरह से सरकार ने कोरोना के संकट का सामना किया और उसको लेकर जो प्रबंधन किया. धारा 370 की समाप्ति हुई. राम मंदिर का निर्माण, जीडीपी हमारी दुनिया में सबसे तेजी से आगे जा रही है. देश में 80 करोड़ लोगों को अनाज उपलब्ध करवाया जा रहा है. इंफ्रास्ट्रक्चर का काम बड़ी तेजी के साथ चल रहा है. हाईवे बन रहे हैं, एयरपोर्ट बन रहे हैं, एम्स बना रहे हैं, मेट्रो चल रही है.
जेपी दलाल ने कहा कि देश का हर नागरिक और बच्चा-बच्चा समझता है कि नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाएं. वही जो दूसरी तरफ इंडी गठबंधन बना है. वो बिना दूल्हे की बारात है. ये बारात लेकर चल पड़े. किसके घर जाएंगे. क्या होगा? कुछ नहीं पता. ये समझते हैं कि जनता को बेवकूफ बनाकर हम उस स्थिति में आ जाएंगे. जिस तरीके से आज से 10 से 15 साल पहले 6-6 महीने के लिए प्रधानमंत्री बनते थे. लेकिन जनता बहुत समझदार है जागरूक है, मुझे लगता है कि इनका किसी भी तरह का कोई समर्थन नहीं है. जनता तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पीएम बनते देखना चाहती है.
सवाल - क्या आपको लगता है कि हरियाणा में भाजपा फिर से सभी 10 सीटों पर जीत पाएगी?
जवाब- बिल्कुल सभी 10 की 10 सीटें हम जीतेंगे. भारी बहुमत के साथ हम या सिम जीतेंगे. वजह यही है कि जनता जो है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरी बार पीएम बनते देखना चाहती है.
सवाल - विपक्ष खास तौर पर संविधान बचाने की बात कर रहा है, साथ ही कह रहा है कि अगर बीजेपी जीत जाती है तो फिर चुनाव नहीं होंगे? आप उनके इस नैरेटिव को कैसे देखते हैं?
जवाब- जब भी चुनाव होते हैं तो विपक्ष की इस प्रकार दुष्प्रचार करने की आदत रही है. कुछ न कुछ दुष्प्रचार करते हैं कुछ कंपनियों को हायर करते हैं, सोशल मीडिया पर तरह तरह का दुष्प्रचार करते हैं. तीन चार महीने पहले भी जब पांच राज्यों में चुनाव हुआ था. तब भी कहते थे कि कांग्रेस आ रही है. बीजेपी हार रही है, लेकिन नतीजे आपके सामने हैं. ये विदेशी कंपनियों के दाम पर ऐसा ब्रह्म फैलाने की कोशिश करते हैं. जहां तक बात है संविधान की, संविधान को रौंदने का काम तो इंदिरा जी ने किया था. आपातकाल लगाकर नेताओं को बंद कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट और जजों को सुपरसीड कर दिया था.
सवाल- आप हरियाणा में बीजेपी का किस पार्टी से मुकाबला देखते हैं?
जवाब - हमारी आदत है कि हम जनता से सीधा आशीर्वाद लेते हैं. हमारी गली-गली में कार्यकर्ता हैं. पन्ना प्रमुख हैं, बूथ के अध्यक्ष हैं. मंडल के कार्यकर्ता हैं. शक्ति केंद्र के लोग हैं. दूसरी पार्टियों जो हैं. उनमें आम आदमी पार्टी तो हरियाणा में है नहीं, जो क्षेत्रीय पार्टियां हैं. वो समाप्त हो चुकी हैं. कांग्रेस को हराने के लिए कांग्रेसी लगे हुए हैं, मैं नहीं समझता कि हमारा किसी तरह का किसी से मुकाबला है.
सवाल - कांग्रेस पार्टी के कई नेता टिकट ना मिलने को लेकर नाराज चल रहे हैं, क्या लगता है इसका फायदा बीजेपी को मिलेगा?
जवाब - देखिए 10 साल से कांग्रेस पार्टी अपने जिलाध्यक्ष नहीं बना सकी. प्रदेश अध्यक्ष तो बना दिया, लेकिन जिला अध्यक्ष नहीं बना पाए. कांग्रेस दो धड़ों में बंटी हुई है. जब से पार्टी ने उम्मीदवार घोषित किया है आपने देखा होगा कि भिवानी में किरण चौधरी रेवाड़ी में कैप्टन अजय यादव जींद में चौधरी बीरेंद्र सिंह और इसी तरह से फरीदाबाद में करण दलाल महापंचायत कर रहे हैं. ये दिख रहा है कि ये पूरा हरियाणा हारने के लिए ताकत लगा रहे हैं. जैसा कि हमेशा दिखता है. कांग्रेस की कोई विचारधारा नहीं है. अपने व्यक्तिगत हितों के लिए सत्ता पर कब्जा करना चाहते हैं. आम जनता के लिए उनके पास कोई नीति नहीं है.
सवाल- आपकी पार्टी के भी कुछ नेता कुलदीप बिश्नोई, अनिल विज, रामविलास शर्मा अपना दर्द बयान करते हैं, क्या इस पार्टी को नुकसान होगा?
जवाब - भारतीय जनता पार्टी के सभी नेता खुलकर कम कर रहे हैं. एक आद कोई बयान आ जाता है, जो काट छांट कर आता है. भारतीय जनता पार्टी में इस तरीके की कार्य प्रणाली है नहीं. पार्टी हमारी मां है और हम सब लोग जोर-शोर से पार्टी के लिए काम करते हैं. कोई भी उम्मीदवार आ जाए. कोई जिम्मेदारी हमें मिले. इस चीज से कोई फर्क नहीं पड़ता. कार्यकर्ता की तरह काम करते हैं.