तिरुवनंतपुरम : केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान द्वारा राज्य मानवाधिकार आयोग (एसएचआरसी) के अध्यक्ष के रूप में केरल उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एस. मणिकुमार की नियुक्ति को मंजूरी मिलने के बाद भी मणिकुमार ने शनिवार को राज्यपाल को सूचित किया कि वह नई भूमिका लेने में सक्षम नहीं होंगे. मणिकुमार ने कहा कि वह व्यक्तिगत कारणों से नियुक्ति नहीं ले पाएंगे. इससे कांग्रेस पार्टी और नेता प्रतिपक्ष वी.डी. सतीसन द्वारा खड़ा किए गए विवाद को खत्म करने का रास्ता साफ हो गया है. उन्होंने इस नियुक्ति का कड़ा विरोध किया था, जबकि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इसके लिए वकालत की थी.
पिछले साल सितंबर में विजयन ने मणिकुमार के नाम को मंजूरी दे दी थी और फाइल राज्यपाल खान को भेज दी गई थी. लेकिन खान ने फाइल को पिछले हफ्ते तक रोके रखा, जिसके बाद उन्होंने इसे मंजूरी दे दी. सतीसन ने पिछले साल 29 सितंबर को खान को मणिकुमार की नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं देने के लिए लिखा था. सतीसन ने बताया कि राज्य मानवाधिकार आयोग की चयन समिति के सदस्य के रूप में उन्होंने मणिकुमार की नियुक्ति के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई थी.