नई दिल्ली : कनाडा के साथ कूटनीतिक गतिरोध पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि दोहरे मापदंड भी हल्के शब्द हैं.उन्होंने 'एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2024: द इंडिया सेंचुरी' में दोनों देशों के बीच चल रहे राजनयिक तनाव के बीच राजनयिक संबंधों में असंगत मानकों को लागू करने के लिए कनाडा की आलोचना की. उन्होंने उन विपरीत तरीकों की ओर इशारा किया, जिनसे कनाडाई और भारतीय राजनयिकों के साथ एक-दूसरे के देशों में व्यवहार किया जाता है.
विदेश मंत्री ने कहा यह तो जाहिर है, वे खुद को जो लाइसेंस देते हैं, वह कनाडा में राजनयिकों पर लगाए जाने वाले प्रतिबंधों से बिल्कुल अलग है. जब हम उन्हें बताते हैं कि आपके पास भारत के नेताओं, भारत के राजनयिकों को खुलेआम धमकी देने वाले लोग हैं. तब उनका जवाब होता है अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता. जब भारतीय पत्रकार सोशल मीडिया पर टिप्पणी करते हैं, अगर आप भारतीय उच्चायुक्त को धमकाते हैं, तो उन्हें इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के रूप में स्वीकार करना चाहिए. लेकिन अगर कोई भारतीय पत्रकार कहता है कि कनाडाई उच्चायुक्त साउथ ब्लॉक से बहुत गुस्से में बाहर निकले, तो यह विदेशी हस्तक्षेप है. यहां तक कि दोहरे मापदंड भी इसके लिए हल्के शब्द हैं.
उन्होंने कहा कि एक बात यह है कि हम घर पर अलग तरीके से काम करेंगे. हम इसे विदेश में अलग तरीके से करेंगे. हम इसे अपने तरीके से करेंगे, लेकिन यह आप पर लागू नहीं होता. मुझे लगता है कि ये बड़े समायोजन हैं जो इस बदलती दुनिया में होने चाहिए. जब साक्षात्कारकर्ता ने जयशंकर से अमेरिका से पहले कनाडा के बारे में पूछा, तो उन्होंने इस बात पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी की कि कैसे पश्चिम और गैर-पश्चिम के बीच समीकरण बदल रहे हैं. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में आ रहे बदलावों को समझने के लिए उन्हें जागने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले आप कहते थे कि हम कनाडा से बाद में निपटेंगे, अमेरिका के बारे में बात करते हैं. अब किसी अस्पष्ट कारण से आप कह रहे हैं कि हम अमेरिका के बारे में बाद में बात करेंगे, पहले कनाडा के बारे में बात करते हैं.