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एक करोड़ के ईनामी नक्सली कमांडर की महिला मित्र का एनकाउंटर, इंसास लेकर घूमती थी - ENCOUNTER IN CHAIBASA

कोल्हान में हुए एनकाउंटर में कुख्यात नक्सली अनल दा की महिला मित्र मारी गई. एक सप्ताह के भीतर दो महिला नक्सली का एनकाउंटर हुआ है.

ENCOUNTER IN CHAIBASA
नक्सली हेमंती की फाइल फोटो (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 29, 2025, 2:33 PM IST

रांचीः झारखंड पुलिस ने कोल्हान में भाकपा माओवादियों को बहुत बड़ा झटका दिया है. बुधवार को सुरक्षाबलों ने कोल्हान में एनकाउंटर में कुख्यात संजय गंझु और एक करोड़ के इनामी अनल दा की महिला मित्र हेमंती को मार गिराया है. दोनों ही अनल के लिए बहुत ज्यादा खास थे. संजय संगठन में जोनल कमांडर और हेमंती एरिया कमांडर थी.

इंसास लेकर जंगलों में घूमती थी हेमंती
एक करोड़ के इनामी नक्सली कमांडर अनल दा की महिला मित्र हेमंती झारखंड पुलिस के द्वारा एनकाउंटर में मार गिराई गई है. बुधवार को हेमंती ने अपने साथियों के साथ सुरक्षाबलों पर हमला किया लेकिन जवाबी कार्रवाई में वो मारी गई. सीनियर पुलिस अधिकारियों के अनुसार हेमंती कोल्हान में एक करोड़ के इनामी नक्सली नेता अनल दा सबसे करीब थी. हेमंती अनल के साथ कई वर्षों से रह रही थी. अनल की सुरक्षा के लिए वह हाथों में इंसास राइफल लेकर घुमा करती थी.

बोकारो की रहने वाली
हेमंती का पूरा नाम हेमंती मझियां है. हेमंती झारखंड के बोकारो जिला की रहने वाली थी. बोकारो के नवाडीह थाना क्षेत्र के गोरगोरवा गांव की रहने वाली हेमंती को अनल ने अपने साथ ही रखा था. धीरे धीरे वह अनल की बेहद खास हो गई. सारंडा में सालों से वह अनल की प्रमुख बॉडीगार्ड और महिला मित्र के रूप में अपनी पहचान बना रखी थी. अनल ने हेमंती को संगठन में एरिया कमांडर का पद दे रखा था.

10 दिनों में दूसरी महिला नक्सली मारी गई
22 जनवरी 2025 को भी बोकारो में एरिया कमांडर शांति पुलिस के साथ हुए एनकाउंटर में मारी गई थी. अब 29 जनवरी को एरिया कमांडर हेमंती भी मारी गई.

आत्मसमपर्ण करे नक्सली कैडर ,नहीं तो मारा जाना तय

मात्र दस दिनों के भीतर दो महिला नक्सलियो समेत चार के मारे जाने के बाद झारखंड पुलिस के आईजी अभियान अमोल होमकर बेहद उत्साहित हैं. आईजी अभियान अमोल होमकर ने बताया कि कोल्हान में भाकपा माओवादियों को बहुत बड़ा झटका लगा है. संजय और हेमंती के मारे जाने से उनकी रीढ़ टूट गई है. झारखंड पुलिस ने बेहद स्पष्ट कर दिया है कि अगर नक्सली समर्पण करते हैं तो उनका स्वागत किया जाएगा. हम अभी भी उन्हें यह मौका दे रहे हैं कि वह मुख्य धारा में लौट आए अन्यथा उनका भी परिणाम संजय और हेमंती के जैसा ही होगा.

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