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निर्वाचन आयोग ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कीं, चिन्ह के लिए आवेदन लेना शुरू - Assembly Election in Jammu Kashmir - ASSEMBLY ELECTION IN JAMMU KASHMIR

जम्मू-कश्मीर में चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव कराने के लिए तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए आयोग ने पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त दलों को समान चुनाव चिह्न आवंटित करने के लिए आवेदन आमंत्रित करने शुरू कर दिए हैं. इसे लेकर आयोग ने हाल ही में एक अधिसूचना जारी की है.

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भारतीय चुनाव आयोग (फोटो - ANI Photo)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 8, 2024, 6:17 PM IST

श्रीनगर: भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) ने पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त दलों को समान चुनाव चिह्न आवंटित करने के लिए आवेदन आमंत्रित करके जम्मू और कश्मीर में विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है. हाल ही में एक अधिसूचना में, ईसीआई ने चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 के पैरा 10B के तहत समान चिह्नों के लिए आवेदन स्वीकार करना शुरू करने के अपने निर्णय की घोषणा की.

यह केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर की विधानसभा के लिए आगामी आम चुनाव पर लागू होता है, जो तत्काल प्रभाव से लागू होता है. चुनाव आयोग का यह कदम इस बात का संकेत है कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. दिसंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को 30 सितंबर 2024 तक ये चुनाव कराने का निर्देश दिया था.

निर्वाचन आयोग द्वारा जारी नोटिस (फोटो - ETV Bharat Urdu Desk)

जम्मू कश्मीर में कांग्रेस की बगावत
जम्मू में भाजपा के खिलाफ लगातार तीन बार दो संसदीय सीटें हारने के बाद, जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस पार्टी को एक और झटका लग रहा है, क्योंकि इसके दर्जनों नेता मौजूदा अध्यक्ष विकार रसूल के खिलाफ विद्रोह कर रहे हैं और केंद्र शासित प्रदेश में 'पार्टी को बर्बाद करने' के लिए उन्हें हटाने की मांग कर रहे हैं.

नेताओं ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस कार्यसमिति को चार पत्र लिखे हैं. ईटीवी भारत को मिले इन पत्रों में नेताओं ने विकार रसूल पर 'पार्टी को बर्बाद करने, वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार करने, गुटबाजी पैदा करने और पार्टी के सुचारू संचालन के लिए अभूतपूर्व स्थिति पैदा करने' का आरोप लगाया है.

इन नेताओं ने खड़गे को पहला पत्र 7 मई को लिखा था, जिसमें उन्होंने पार्टी में 'अभूतपूर्व स्थिति' और निवर्तमान अध्यक्ष विकार रसूल द्वारा 'पदाधिकारियों की अनदेखी' पर प्रकाश डाला था तथा उन्हें 'पार्टी को बर्बाद करने' के लिए जिम्मेदार ठहराया था.

दूसरा पत्र नेताओं ने कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य तारिक कर्रा को भेजा, जिसमें उन्होंने जिला अध्यक्षों की 'अनदेखी' करने तथा उनके क्षेत्रों में अध्यक्ष के दौरे के दौरान उनसे परामर्श न करने का मुद्दा उठाया. 30 मई को तीसरा पत्र सोपोर के पूर्व विधायक हाजी राशिद द्वारा खड़गे को भेजा गया, जिन्हें संसदीय चुनाव अभियान के लिए एआईसीसी समन्वयक बनाया गया था.

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