चेन्नई:तमिलनाडु में हाल ही में लोकसभा चुनाव में अन्नाद्रमुक की हार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की भरोसेमंद नेता वीके शशिकला ने अन्नाद्रमुक में एंट्री का खुद से बड़ा ऐलान कर दिया. शशिकला ने कहा कि, उनकी वापसी का बिगलु बज गया है. उन्होंने कहा कि यह नहीं सोचा जा सकता है कि इस हार के बाद अन्नाद्रमुक का पूरी तरह से सफाया हो गया. शशिकला ने कहा कि उनकी अन्नाद्रमुक में वापसी का बिगुल बज गया है. इसी के साथ शशिकला ने 2026 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर जयललिता के शासन को आगे बढ़ाने की कसम खाई. इस दौरान शशिकला ने पलानीस्वामी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अन्नाद्रमुक के नेतृत्व करते हुए पलानीस्वामी अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पाए. शशिकला ने आगे कहा कि अगर पलानीस्वामी ने विपक्ष के नेता के तौर पर सही सवाल नहीं पूछे तो वह विपक्षी दल के रूप में सरकार से सवाल करेंगी. इसके साथ उन्होंने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए अपनी वापसी का ऐलान कर दिया है.
शशिकला बोलीं, AIADMK में मेरी एंट्री
वी के शशिकला ने रविवार (16 जून) को चेन्नई के पोएस गार्डन आवास पर अपने समर्थकों से मुलाकात की. इस दौरान समर्थकों ने शशिकला को एआईएडीएमके का नेतृत्व संभालने के नारे लगाए. लोकसभा चुनाव में एआईएडीएमके को मिली बड़ी हार के बाद शशिकला पहली बार समर्थकों से मिलीं. चेन्नई के पोएस गार्डन में मीडिया को संबोधित करती हुई शशिकला ने कहा, ' एमजीआर के बाद, जयललिता और उन्होंने कई कठिनाइयों का सामना किया और एआईएडीएमके को सबसे बड़ी पार्टी बनाया. शशिकला ने कहा कि, जयललिता और उन्होंने इसे भारत की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनाने का काम किया है. लेकिन आज एआईएडीएमके को लगातार गिरावट का सामना करना पड़ रहा है.... इसका कारण यह है कि कुछ स्वार्थी लोग पार्टी को इस स्तर तक ले गए हैं.' शशिकला ने कहा कि वह यह सबकुछ धैर्यपूर्वक देख रही थीं. उन्होंने कहा कि, एमजीआर ने कहा था कि किसी को भी पार्टी से नहीं निकाला जाना चाहिए. एमजीआर को पता था कि आरएम वीरप्पन जैसे लोग जयललिता को परेशान कर रहे हैं, उन्होंने किसी को भी पार्टी से नहीं निकाला.
एआईएडीएमके के भीतर जातिवाद का आरोप लगाया
प्रेस कॉन्फ्रेंस में शशिकला ने आगे एआईएडीएमके के भीतर जातिवाद का आरोप लगाते हुए आगे कहा कि, 'उनका अपना गृहनगर, अपनी जाति नहीं है. अन्नाद्रमुक में कोई उत्तराधिकार की राजनीति या जाति की राजनीति नहीं है. लेकिन एआईएडीएमके में कुछ खास जातियों के लोग जाति की राजनीति कर रहे हैं.' उन्होंने कहा कि, कोई भी कैडर अन्नाद्रमुक में जाति की राजनीति को बर्दाश्त नहीं करेगा... मैं भी इसे बर्दाश्त नहीं करूंगी. उन्होंने सवाल किया कि अगर जाति की राजनीति होती तो क्या एडप्पादी पलानीस्वामी को मुख्यमंत्री का पद दिया जाता?