चेन्नई: भाजपा नेता तमिलिसाई सुंदरराजन ने हाल ही में तमिलनाडु के पोलाची में एक रेलवे स्टेशन के बोर्ड पर हिंदी में नाम लिखे जाने के द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) कार्यकर्ताओं के विरोध को लेकर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी अब भाषा की राजनीति को भुना नहीं सकती. बता दें कि त्रिभाषा राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) पर केंद्र और तमिलनाडु सरकार के बीच विवाद चल रहा है.
तमिलिसाई सौंदराजन ने कहा,
"मैं डीएमके कार्यकर्ताओं के रवैये की निंदा करती हूं, जो तारकोल से हिंदी शब्दों को मिटा रहे हैं. यह एक सार्वजनिक संपत्ति है. उत्तर से लोग भी राज्य में आ रहे हैं. रेलवे सभी राज्यों को जोड़ रहा है. हिंदी शब्दों को मिटाने का आपको क्या अधिकार है? सभी मंत्रियों के बच्चे और पोते सीबीएसई स्कूलों में पढ़ रहे हैं और तीन भाषाएं सीख रहे हैं. मैं एमके स्टालिन को खुली चुनौती देती हूं कि वे बताएं कि आपके और आपके मंत्रियों के परिवारों के कितने बच्चे केवल दो भाषाएं सीख रहे हैं. आपके सभी मंत्री आपके परिवार के सदस्यों सहित सीबीएसई स्कूल क्यों चला रहे हैं?"
मुद्दे छिपाने के लिए भाषा की राजनीतिः बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि डीएमके को कारोबार के लिए हिंदी चाहिए, लेकिन गरीब बच्चों के कल्याण के लिए वह कोई अन्य भाषा नहीं चाहते. उन्होंने कहा लोग डीएमके के दोहरे मानदंडों को समझ रहे हैं. जब कुछ बच्चे पंजाब और वाराणसी गए तो उन्हें संचार में समस्याओं का सामना करना पड़ा. वे अब भाषा की राजनीति को भुना नहीं सकते. तमिलनाडु में अन्य मुद्दे हैं और उन्हें छिपाने के लिए वे भाषा की राजनीति कर रहे हैं.
हिंदी को लेकर विरोधः बता दें कि सोमवार को डीएमके कार्यकर्ताओं ने तमिलनाडु में त्रिभाषी भाषा प्रणाली के खिलाफ तिरुचिरापल्ली में त्रिची सेंट्रल बस स्टैंड के पास विरोध प्रदर्शन किया था. विरोध प्रदर्शन में पार्टी के सदस्यों ने इस कदम के विरोध में लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए पर्चे बांटे. गौरतलब है कि डीएमके कथित रूप से हिंदी को अधिक प्रभावी बनाने के प्रयास का मुखर तरीके से विरोध कर रहा है. उनका तर्क है कि इससे तमिल संस्कृति और पहचान कमजोर होगी.
रेलवे कर रही कार्रवाईः रेलवे स्टेशन के नामपट्टों को काला करने की घटना पर, दक्षिण रेलवे पलक्कड़ डिवीजन ने कहा "आरपीएफ पोलाची ने दोषियों की पहचान कर ली है और रेलवे अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज कर लिया है. उन पर मुकदमा चलाया जाएगा. इसे तुरंत ठीक कर दिया गया." इससे पहले, एआईएडीएमके सांसद एम. थंबीदुरई ने सत्तारूढ़ डीएमके सरकार पर चुनाव से पहले भाषा के मुद्दे को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था.
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