हुबली (कर्नाटक): धारवाड़ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का चुनावी घमासान और तेज हो गया है क्योंकि शिरहट्टी भावैक्यता महासंस्थान पीठ के फकीर दिंगलेश्वर स्वामीजी (Fakira Dingaleshwar Swami) ने घोषणा की है कि वह एक गैर-पार्टी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे. कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर के बीच अब मुकाबला केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी बनाम दिंगलेश्वर स्वामीजी हो गया है.
दिंगलेश्वर स्वामीजी, जिन्होंने हाल ही में बेंगलुरु में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी. उन्होंने घोषणा की कि वह गैर-पार्टी उम्मीदवार के रूप में धारवाड़ लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार और वर्तमान केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे.
इसी के चलते लगातार चार बार जीत चुके केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी का मुकाबला एक स्वामी जी से है. यह पहली बार नहीं है कि जोशी स्वामीजी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. दूसरी बार कोई संत चुनावी मैदान में उतर रहा है.
इससे पहले 2004 में माते महादेवी (महिला जगद्गुरु, भारतीय लिंगायत समुदाय की आध्यात्मिक प्रमुख) ने कन्नड़ नाडु पार्टी से प्रह्लाद जोशी के खिलाफ चुनाव लड़ा था. अब तीन चुनावों के बाद दिंगलेश्वर स्वामीजी, जोशी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.
स्वामीजी के प्रवेश से धारवाड़ लोकसभा क्षेत्र में त्रिकोणीय मुकाबला होने के संकेत मिल रहे हैं. 2004 में जब प्रह्लाद जोशी पहली बार मैदान में उतरे थे तब भी ऐसी ही स्थिति थी.
तब माते महादेवी हार गई थीं: 2004 में प्रह्लाद जोशी 3,85,084 वोट पाकर जीते थे. कांग्रेस से चुनाव लड़े बीएस पाटिल को 3,02,006 वोट मिले थे. कन्नड़ नाडु पार्टी से चुनाव लड़ने वाली जगद्गुरु माते महादेवी को केवल 27,610 वोट मिले थे. अब दिंगलेश्वर स्वामीजी चुनावी मैदान में उतर रहे हैं. इससे यहां मुकाबला रोचक हो गया है.