श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दवा नीति लागू हुए 7 साल से ज्यादा समय हो गया है. लेकिन अभी भी घाटी के अधिकांश जिलों में मुफ्त दवा नीति का पूर्ण क्रियान्वयन नहीं हो सका है. एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कश्मीर घाटी के जिला, उप-जिला, प्राथमिक स्वास्थ्य और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज और इलाज की व्यवस्था बंद कर दी गई है. मरीजों को बाजार से दवा खरीदनी पड़ रही है.
कश्मीर विश्वविद्यालय के जनसंख्या अनुसंधान केंद्र ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मुफ्त दवा नीति पर एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कहा गया है कि मुफ्त दवा नीति के कार्यान्वयन में समस्याएं हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर के अधिकांश जिलों, उप-जिलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज करा रहे मरीज 70 प्रतिशत दवाएं बाजार से खरीदने को मजबूर हैं.
ज्ञातव्य है कि वर्ष 2016 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने जम्मू-कश्मीर में नशा मुक्त नीति लागू की है. उक्त नीति के तहत जिला अस्पतालों में 221, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 72, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 32 तथा यूपीएचसी में 11 दवाएं निःशुल्क प्रदान की जाती हैं. लेकिन ज्यादातर जिलों में लोगों को खुद ही अलग-अलग कंपनियों की दवाएं खरीदनी पड़ती हैं.