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मणिपुर में क्या थमेगी हिंसा? राज्य में हिंसा के बाद कुकी-मैतेई के बीच पहली बार हुई बैठक

मणिपुर हिंसा के बाद कुकी-मैतेई ने पहली बार बैठक की है. दोनों समुदाय के नेता-विधायक दिल्ली में बैठक के दौरान मिले.

By ETV Bharat Hindi Team

Published : 4 hours ago

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मणिपुर में प्रदर्शन (फाइल फोटो) दूसरी तस्वीर में बैठक में शामिल होने जा रहे लोग (ANI and ETV Bharat)

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) की पहल पर मणिपुर के कुकी और मैतेई तथा नागा लोगों के बीच पहली वार्ता मंगलवार को दिल्ली में हुई. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि, मणिपुर विधानसभा के कुकी-जो-हमार, मैतेई और नागा समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले निर्वाचित सदस्यों के एक समूह ने राज्य में मौजूदा परिदृश्य पर चर्चा करने के लिए आज नई दिल्ली में बैठक की.

बैठक में सर्वसम्मति से राज्य के सभी समुदायों के लोगों से हिंसा का रास्ता छोड़ने की अपील करने का संकल्प लिया गया, ताकि निर्दोष नागरिकों की कीमती जान न जाए. तीनों समुदायों के नेता राष्ट्रीय राजधानी में आईबी गेस्ट हाउस में आमने-सामने बैठे और राज्य में शांति लाने के लिए आवश्यक कई महत्वपूर्ण कारकों पर चर्चा की.

इस बैठक में भाजपा के मणिपुर प्रभारी संबित पात्रा, गृह मंत्रालय में सलाहकार (पूर्वोत्तर) एके मिश्रा मौजूद थे.राष्ट्रीय राजधानी में हुई बैठक में अवांगबौ न्यूमई, एल दिखो और राम मुइवा समेत तीन नागा विधायक भी शामिल हुए. हालांकि बैठक के बारे में किसी नेता ने कोई बयान नहीं दिया, लेकिन सूत्रों ने बताया कि बैठक में समस्या का तत्काल समाधान निकालने के लिए जरूरी सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई.

मणिपुर में हिंसा 17 महीने से भी ज्यादा समय से जारी है. पिछले साल मई में शुरू हुई झड़प के बाद से अब तक 220 से ज्यादा नागरिक मारे जा चुके हैं और 65,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं.

थोंगम बिस्वजीत, थौनाओजम बसंतकुमार, डॉ. सपम रंजन, थोकचोम राधेश्याम, टोंगब्रम रॉबिन्ड्रो और मणिपुर विधानसभा के अध्यक्ष थोकचोम सत्यब्रत समेत मंत्रियों और विधायकों ने मैतेई पक्ष का प्रतिनिधित्व किया, जबकि कुकी पक्ष का प्रतिनिधित्व लेतपाओ हाओकिप, हाओखोलेट किपगेन समेत अन्य ने किया. हालांकि, कुकी विधायक पाओलियनलाल हाओकिप ने इस बैठक को महज दिखावा करार दिया.

हाओकिप ने कहा, "अगर केंद्र मणिपुर में जारी हिंसा के राजनीतिक समाधान के लिए गंभीर है, तो यह बैठक गृह मंत्री अमित शाह या गृह मंत्रालय के किसी जूनियर मंत्री की अध्यक्षता में होनी चाहिए थी." उन्होंने बातचीत के लिए गृह मंत्रालय के निमंत्रण की भी आलोचना की। हाओकिप ने कहा, "आज की बैठक में मौजूद सभी नेताओं को टेलीफोन कॉल के जरिए आमंत्रित किया गया था। इस तरह की महत्वपूर्ण बैठक के लिए औपचारिक संचार होना चाहिए था."

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