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AAP नेता संजय सिंह को बड़ी राहत, कोर्ट ने राज्यसभा सदस्य के रूप में दोबारा शपथ लेने की अनुमति दी - AAP नेता संजय सिंह

Sanjay Singh take oath as MP: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने जेल में बंद AAP नेता संजय सिंह को सांसद की शपथ लेने की इजाजत दी है. अब 8 या 9 फरवरी को वह दोबारा राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ लेंगे.

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By ANI

Published : Feb 6, 2024, 3:29 PM IST

नई दिल्ली:राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को राज्यसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने की दोबारा अनुमति दी है. स्पेशल जज एमके नागपाल ने यह आदेश दिया.

सुनवाई के दौरान विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने संजय सिंह के आवेदन को स्वीकार करते हुए कहा कि 3 फरवरी, 2024 को अदालत ने जेल अधिकारियों को राज्यसभा सदस्य के रूप में शपथ दिलाने के लिए सिंह को राज्यसभा ले जाने का निर्देश दिया था. हालाँकि, कुछ कारणों से उन्हें शपथ नहीं दिलाई जा सकी. इसलिए उन्हें 8 फरवरी और 9 फरवरी, 2024 को फिर से राज्यसभा ले जाने का निर्देश दिया गया है.

अदालत ने आगे कहा कि आवेदक को उपरोक्त तारीखों में से किसी एक पर शपथ दिलाने के लिए न्यायिक हिरासत से और उचित सुरक्षा के तहत राज्यसभा ले जाया जाएगा. इस संबंध में जेल अधीक्षक को राज्यसभा सचिवालय से संवाद करने का भी निर्देश दिया है. साथ ही कोर्ट ने संजह सिंह के वकील को संबंधित दस्तावेजों पर उनके हस्ताक्षर लेने के लिए तिहाड़ जेल जाने की भी अनुमति दी है.

वकील रजत भारद्वाज और मोहम्मद इरशाद इस मामले में संजय सिंह की ओर से पेश हुए. वहीं, विशेष लोक अभियोजक नवीन कुमार मट्टा प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश हुए. इससे पहले, 5 फरवरी 2024 को, संजय सिंह ने राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ नहीं ली, क्योंकि राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने उन्हें शपथ लेने की अनुमति देने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि उच्च सदन की कार्यवाही सूचीबद्ध व्यवसाय द्वारा विनियमित होती है जिसे बुलेटिन में अधिसूचित किया जाता है. संजय सिंह का शपथ ग्रहण सदन के कामकाज में सूचीबद्ध नहीं था. इस मामले पर राज्यसभा से कोई संचार कभी विचार के लिए नहीं आया.

बता दें, राउज एवेन्यू कोर्ट ने 22 दिसंबर 2023 को संजय सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दिया था. तब कोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया संजय सिंह मनी लॉड्रिंग मामले में सीधे-सीधे या परोक्ष रूप से शामिल हो सकते हैं. कोर्ट ने कहा था कि जो तथ्य रिकॉर्ड पर रखे गए हैं उससे कोर्ट को ये मानने के लिए पर्याप्त है कि संजय सिंह मनी लांड्रिंग के दोषी हैं.

कोर्ट ने ये भी कहा था कि अगर एफआईआर में नाम नहीं है और अगर कोई आरोपी एफआईआर में नाम दर्ज होने के बावजूद अगर बरी भी हो जाता है तो उसे मनी लांड्रिंग कानून से छूट नहीं मिल सकती. कोर्ट ने कहा था कि संजय सिंह को उनके पीए रह चुके सर्वेश मिश्रा के जरिए सरकारी गवाह बन चुके दिनेश अरोड़ा ने दो करोड़ रुपये पहुंचाए. दिनेश अरोड़ा ने पैसे देने के संबंध में विस्तृत जानकारी दी थी. इसके अलावा गवाह अल्फा (छद्म नाम) ने भी दिनेश अरोड़ा के बयान की पुष्टि की थी. बता दें कि ईडी ने संजय सिंह को 4 अक्टूबर को उनके सरकारी आवास पर पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था.

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