दिल्ली को मिली तीसरी महिला मुख्यमंत्री, जानिए- सुषमा, शीला दीक्षित और आतिशी का क्या है यूपी कनेक्शन - Delhi New CM Atishi
Delhi CM Atishi-Sushma Swaraj And Sheila Dixit: आतिशी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. इस तरह से दिल्ली को तीसरी महिला मुख्यमंत्री मिली है. पहली मुख्यमंत्री भाजपा की सुषमा स्वराज थीं. इनके बाद कांग्रेस की शीला दीक्षित ने तीन कार्यकाल तक दिल्ली की सत्ता संभाली. दिल्ली से उत्तर प्रदेश से इन तीनों ही महिला मुख्यमंत्रियों का गहरा नाता है. आइए जानते हैं...
नई दिल्लीः राजनीति में कहा जाता है कि केंद्र की सत्ता का रास्ता यूपी से निकलता है, लेकिन एक रोचक बात ये भी है कि दिल्ली की सत्ता पर राज करने वाली महिला मुख्यमंत्रियों का भी यूपी से सीधा कनेक्शन रहा है. शीला दीक्षित और आतिशी की ससुराल होने की वजह से उनका उत्तर प्रदेश में आना-जाना काफी रहा तो वहीं, सुषमा स्वराज के राजनीतिक दौरों ने उन्हें हमेशा यूपी से जोड़े रखा. वो यहां से राज्यसभा सांसद भी रहीं.
आइए जानते हैं, दिल्ली की तीनों महिला मुख्यमंत्रियों का यूपी कनेक्शन...
मिर्जापुर की बहू हैं आतिशी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी का मिर्जापुर से खास कनेक्शन है. आतिशी की शादी मिर्जापुर जिले के अनंतपुर गांव के रहने वाले IIT पास इंजीनियर प्रवीण सिंह से हुई थी. प्रवीण सिंह BHU के वाइस चांसलर रहे प्रो. पंजाब सिंह के इकलौते बेटे हैं. प्रवीण वर्तमान में सामाजिक कार्यों में काफी सक्रिय रहते हैं. वह ग्रामीण अंचल में उत्थान कृषि और सामाजिक स्तर को बेहतर करने के लिए सामाजिक कार्यों को करते हैं. वे भी आप नेता हैं लेकिन, सुर्खियों से काफी दूर रहते हैं.
उन्नाव के बेटे से हुई थी शीला दीक्षित की शादी शीला दीक्षित ने दिल्ली की सत्ता पर 15 साल राज किया. वे लगातार 3 बार 1998 से 2013 तक दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं. वैसे तो मूल रूप से पंजाब के कपूरथला की रहने वाली थीं. उनका जन्म 31 मार्च 1938 को हुआ था. उनकी शादी यूपी के उन्नाव जिले में हुई थी. स्वतंत्रता सेनानी उमा शंकर दीक्षित के बेटे विनोद दीक्षित से उनकी शादी हुई थी, जो उन्नाव के उगु गांव के रहने वाले थे. उमा शंकर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल भी रहे. विनोद दीक्षित IAS अधिकारी थे. 20 जुलाई 2019 को 81 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया.
सुषमा स्वराज का लखनऊ से खास नाता दिल्ली की पहली महिला सीएम सुषमा स्वराज थीं, सिर्फ 52 दिन मुख्यमंत्री रहीं. उनका यूपी से खास नाता रहा. स्टार प्रचार के तौर पर वो हमेशा लालजी टंडन के लिए प्रचार करने जाती रहीं. पुराने लखनऊ के गोल दरवाजे के पास की मशहूर मक्खन मलाई खास पसंद थी. वह जब भी यहां आतीं, मक्खन मलाई खाना नहीं भूलती थीं. बताते हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के चुनाव प्रचार के लिए यहां बिन बुलाए ही पहुंच जाती थीं. यही वजह थी कि भाजपा ने उन्हें वर्ष 2000 में प्रदेश से राज्यसभा भेजकर सूचना प्रसारण मंत्री बनाया था.