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दिल्ली चुनाव में 'गेमचेंजर' होगा उत्तराखंड, बीजेपी ने तैयार किया बड़ा प्लान, समीकरणों को साधने की कोशिश - DELHI ASSEMBLY ELECTION

दिल्ली विधानसभा चुनाव में किंग मेकर की भूमिका में उत्तराखंडी, बीजेपी ने साधने के लिए तैयार किया खास प्लान

DELHI ASSEMBLY ELECTION
दिल्ली चुनाव बीजेपी प्लान (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 17, 2025, 7:04 PM IST

देहरादून: देश की राजधानी दिल्ली की सर्द फिजाओं में इन दिनों चुनावी गर्मी है. विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दल जोर शोर से तैयारियों में जुटे हैं. दिल्ली इन दिनों पूरी तरह से चुनावी रंग में रंगी हुई है. दिल्ली में मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. दिल्ली का दंगल फतह करने के लिए तीनों पॉलिटिकल पार्टियां एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं. इसके साथ ही जनता के मुद्दों पर खास ध्यान दिया जा रहा है. बीजेपी ने भी दिल्ली विधानसभा चुनाव के चक्रव्यूह को तोड़ने के लिए खास प्लानिंग की है, जिसमें उत्तराखंड को प्रमुख स्थान दिया गया है.

बीजेपी ने तैयार किया 'उत्तराखंड' प्लान: पड़ोसी राज्य होने के साथ-साथ उत्तराखंड के लोग दिल्ली और वहां की राजनीति में भी दखल रखते हैं. दरअसल, दिल्ली में बड़ी संख्या में उत्तराखंडी लोग रहते हैं. उत्तराखंड की राजनीति को बेहद करीब से जानने वाले जय सिंह रावत बताते हैं कि, दिल्ली को आप उत्तराखंड का एक चौथा हिस्सा मान सकते हैं. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आज से लगभग 5 साल पहले तक दिल्ली में रहने वाले उत्तराखंडे के (इसमें गढ़वाल कुमाऊं और जौनसार की जनसंख्या को अगर मिला लें) लगभग 25 लाख लोग निवास करते हैं. इनमें से कुछ वहां के स्थानीय निवासी हो गए हैं, तो कुछ आज भी काम के सिलसिले में सालों से वहां पर मौजूद हैं. यह संख्या साल दर साल बढ़ी होगी ये लाजमी है. ऐसे में लगभग 10 लाख वोटर भी होंगे यह अनुमान लगाया जा सकता है. यह संख्या और अधिक भी हो सकती है. इसलिए दिल्ली की राजनीति में उत्तराखंड के लोगों की भागीदारी बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है. यही कारण है कि हर चुनाव में मुख्यमंत्री से लेकर सांसदों की ड्यूटी वहां पर लगाई जाती है. उत्तराखंड की कई समितियां दिल्ली में अच्छा खासा काम कर रही हैं और उनकी समाज में अच्छी पहचान भी है.

चुनावी समीकरण में अहम रोल में उत्तराखंडी: दिल्ली में हो रहे विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड मूल के मतदाताओं का बड़ा महत्व है. लक्ष्मी नगर, विनोद नगर, पटपड़गंज, बुराड़ी, ईस्ट दिल्ली, जहांगीरपुरी, करोलबाग, आरके पुरम, करावल नगर, बदरपुर, पालम, द्वारका ये ऐसे इलाके हैं जहां उत्तराखंडी लोग चुनावी समीकरण को बनाने के साथ ही बिगाड़ सकते हैं. ऐसे में दिल्ली में उत्तराखंडी आबादी इन सीटों को सीधे तौर पर प्रभावित करती है.

दिल्ली चुनाव में सीएम धामी स्टार प्रचारक: ऐसे में बीजेपी संगठन ने दिल्ली में उत्तराखंडी वोर्टस को साधने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को स्टार प्रचारक की लिस्ट में शामिल किया है. सीएम धामी की लोकप्रियता को देखते हुए बीजेपी संगठन ने उन्हें ये बड़ी जिम्मेदारी दी है. आने वाले दिनों में सीएम धामी दिल्ली चुनाव में जनसभाएं करते नजर आएंगे.दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आप और कांग्रेस ने सभी 70 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं जबकि बीजेपी ने 70 में से 68 सीटों पर कैंडिडेट घोषित कर दिये हैं. बाकी दो सीटें अपने सहयोगी जेडीयू और एलजेपी (आर) को दी हैं. इस लिस्ट पर नजर डालें तो बीजेपी ने दो सीटों पटपड़गंज और मुस्तफाबाद पर उत्तराखंडी मूल के पहाड़ी प्रत्याशी उतारे हैं.

उत्तराखंडी मूल के नेताओं को टिकट:इसमें पहला नाम रविंद्र सिंह नेगी का है. उत्तराखंडी मूल के लोगों से उनका जुड़ाव है. जिसे देखते हुए बीजेपी ने उन्हें पटपड़गंज से चुनावी मैदान में उतारा है. इस कड़ी में दूसरा नाम मोहन सिंह बिष्ट का आता है. मोहन सिंह बिष्ट पांच बार से विधायक हैं. मोहन सिंह बिष्ट करावल नगर से विधायक हैं. इस बार बीजेपी ने उन्हें मुस्तफाबाद से टिकट दिया है. वहीं कांग्रेस ने मादीपुर सीट पर पहाड़ी प्रत्याशी के तौर पर जेपी पंवार को उतारा है.

दिल्ली चुनाव के लिए यूसीसी प्लान:इसके साथ ही दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी यूसीसी को लेकर भी प्लानिंग करने जा रही है. इसका सीधा संबंध भी उत्तराखंड से ही है. दिल्ली में पांच फरवरी को विधानसभा का चुनाव होना है. उससे पहले उत्तराखंड में यूसीसी को लागू किया जा सकता है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री सीएम धामी लागातार जनवरी महीने में ही यूसीसी लागू करने की बात कह रहे हैं. अगर ऐसा होता है तो इससे दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ा फायदा मिल सकता है.दरअसल, यूसीसी का इंतजार बड़े लंबे समय से किया जा रहा है. दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले यूसीसी को उत्तराखंड में लागू किया जाता है तो ये बीजेपी की एक बड़ी उपलब्धि हो सकती है.

दिल्ली का रण जीतने के लिए हर दल बेजोड़ प्लानिंग कर रहा है, जिसमें विरोधियों की ताकत, कमजोरियों को बारीकी से परखा जा रहा है. दिल्ली विधानसभा में बीजेपी दशकों का सूखा खत्म करने के लिए पूरा जोर लगा रही है और आम आदमी पार्टी को घेरने को कोई कोशिश बीजेपी नहीं छोड़ रही है.बता दें दिल्ली में एक चरण में विधानसभा का चुनाव होना है. पांच फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होगी. 8 फरवरी को काउंटिंग होगी.

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