नई दिल्ली : भारत ने शुक्रवार को मणिपुर सहित मानवाधिकार उल्लंघन की कथित घटनाओं का हवाला देने वाली अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट को 'बेहद पक्षपातपूर्ण' बताया. साथ ही कहा कि यह उसकी भारत के संबंध में खराब समझ को दर्शाता है. भारत इसे कोई महत्व नहीं देता है.
दरअसल अमेरिकी विदेश विभाग की वार्षिक रिपोर्ट में जातीय संघर्ष के फैलने के बाद मणिपुर में मानवाधिकारों के हनन की घटनाओं पर प्रकाश डाला गया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, 'यह रिपोर्ट बेहद पक्षपातपूर्ण है और भारत के बारे में खराब समझ को दर्शाती है.' उन्होंने अपनी साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, 'हम इसे कोई महत्व नहीं देते और आपसे भी ऐसा ही करने का आग्रह करते हैं.'
रिपोर्ट में बीबीसी ऑफिस पर रेड का जिक्र :रिपोर्ट में ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (बीबीसी) के कार्यालय पर भारतीय कर अधिकारियों द्वारा की गई छापेमारी का भी जिक्र किया गया है. रिपोर्ट के भारत खंड में कहा गया है कि स्थानीय मानवाधिकार संगठनों, अल्पसंख्यक राजनीतिक दलों और प्रभावित समुदायों ने मणिपुर में हिंसा को रोकने और मानवीय सहायता प्रदान करने में देरी की कार्रवाई के लिए देश की सरकार की आलोचना की.
रिपोर्ट के अनुसार, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों द्वारा नागरिक समाज संगठनों के खिलाफ गलत सूचना रणनीति का उपयोग करने की कई प्रेस और नागरिक समाज रिपोर्टें थीं. धार्मिक अल्पसंख्यक, जैसे सिख और मुस्लिम, और राजनीतिक विरोध, कभी-कभी उन्हें सुरक्षा खतरों के रूप में चित्रित करते हैं.