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चारधाम यात्रा: मॉनसून में नहीं दिख रही पहले सी रौनक, न लंबी लाइन-न दर्शन की मारामारी, पहुंच रहे महज इतने भक्त - Uttakhand Chardham Yatra 2024 - UTTAKHAND CHARDHAM YATRA 2024

Uttakhand Chardham Yatra 2024 मॉनसून के कारण उत्तराखंड चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में भारी कमी आई है. मॉनसून से पहले 50 से 60 हजार श्रद्धालु चारों धामों के दर्शन कर रहे थे. जबकि अब महज 7 से 9 हजार श्रद्धालु ही चारधाम यात्रा कर रहे हैं.

Uttakhand Chardham Yatra 2024
मॉनसून में सूने हुए चारों धाम (PHOTO-ETV BHARAT GRAPHICS)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 16, 2024, 6:40 PM IST

Updated : Jul 16, 2024, 6:51 PM IST

देहरादूनःमॉनसून ने उत्तराखंड चारधाम यात्रा की रफ्तार धीमी कर दी है. मॉनसून से पहले रोजाना तकरीबन 50 से 60 हजार श्रद्धालु चारधाम यात्रा कर रहे थे. लेकिन अब आंकड़ा महज 7 से 9 हजार श्रद्धालुओं के करीब पहुंच चुका है. लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण कुछ यात्री ऋषिकेश से ही वापस घर के लिए लौट रहे हैं. जबकि कुछ बारिश रुकने का इंतजार करते हुए आगे बढ़ रहे हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 15 जुलाई को चारों धामों और हेमकुंड साहिब जाने वाले यात्रियों की संख्या महज 7948 थी.

बारिश का डर से पहाड़ नहीं चढ़ रहे पर्यटक और भक्त:मॉनसून में भूस्खलन की घटनाओं के कारण चारधाम तीर्थ यात्री ऋषिकेश से ऊपर चढ़ने से भी कतरा रहे हैं. ऐसा नहीं है कि सिर्फ चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आई है. बल्कि नैनीताल से लेकर ऋषिकेश जैसे पर्यटक स्थलों में आने वाले पर्यटकों की संख्या में भी भारी कमी देखी जा रही है. इसके अलावा ऋषिकेश और नैनीताल में होने वाली राफ्टिंग पर भी रोक लगा दी गई है.

दरअसल, मॉनसून के दौरान पहाड़ों में भूस्खलन और नदी नाले उफान पर आ जाते हैं. इससे पर्यटक अंजान होते हैं और कई बार पर्यटक अंजान होने के कारण अपनी जान को खतरे में डाल देते हैं. इसलिए राज्य सरकार और प्रशासन भी यही चाहता है कि मॉनसून सीजन में तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों की संख्या उत्तराखंड में कम रहे.

वहीं, बीते दिनों बारिश और भूस्खलन के कारण तीन दिन बदरीनाथ नेशनल हाईवे बंद रहा. इससे भी चारधाम तीर्थ यात्रियों की संख्या में भारी कमी आई है. 11 जुलाई को मार्ग बंद होने के दौरान चारधाम में लगभग 25 हजार से ज्यादा श्रद्धालु मौजूद थे. लेकिन सड़क बंद होने के बाद यह संख्या निरंतर कम होती चली गई हालांकि, अभी बारिश से उत्तराखंड के चार धामों में किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है. जो श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर जा रहे हैं, वह आराम से अपनी यात्रा कर रहे हैं. लेकिन साल 2013 की आपदा के बाद से उत्तराखंड की चारधाम यात्रा मॉनसून के दौरान फीकी रहती है.

30 लाख पार पहुंचा आंकड़ा:10 मई से शुरू हुई उत्तराखंड चारधाम यात्रा में 15 जुलाई तक 30 लाख 65 हजार 175 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं. 15 जुलाई को बदरीनाथ धाम में 2134 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए. जबकि हेमकुंड साहिब में श्रद्धालुओं का आंकड़ा 609 था. केदारनाथ धाम में 2317 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए. गंगोत्री धाम में लगभग 2000 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए. जबकि यमुनोत्री धाम में 890 यात्री ही पहुंच पाए.

170 श्रद्धालुओं की मौत:10 मई से शुरू हुई चारधाम यात्रा ने जैसे जैसे रफ्तार पकड़ी थी, वैसे-वैसे श्रद्धालुओं की मौत के आंकड़ों ने भी सरकार को चिंतित किया. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 170 श्रद्धालुओं की चारधाम यात्रा के दौरान मौत हो चुकी है.

बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय का कहना है कि बारिश के दौरान हर साल श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आती है. लेकिन कई श्रद्धालु भीड़ कम होने की वजह से मॉनसून के दौरान ही चारधाम यात्रा के लिए आते हैं. फिलहाल, चारों धामों में दर्शन आराम से हो रहे हैं. चारधाम यात्रा अभी भी सुचारू रूप से चल रही है. बारिश को देखते हुए प्रशासन ने जगह-जगह बचाव दल और सरकारी मशीनरी तैनात कर रखी है. बारिश कम होने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या फिर से बढ़ेगी. इस साल चारधाम श्रद्धालुओं का आंकड़ा पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ेगा.

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Last Updated : Jul 16, 2024, 6:51 PM IST

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