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जानें, महात्मा गांधी की हत्या की क्या है कहानी

Death Anniversary of Mahatma Gandhi : शांति और अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी को 30 जनवरी 1948 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इनकी हत्या के बाद जाने माने आयरिश नाटकार, लेखक, राजनीतिक कार्यकर्ता जॉर्ज बर्नार्ड शॉ ने गांधी की हत्या पर कहा था, इससे पता चलता है कि अच्छा होना कितना खतरनाक है. पढ़ें पूरी खबर..

Death Anniversary of Mahatma Gandhi
Death Anniversary of Mahatma Gandhi

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 27, 2024, 5:56 PM IST

Updated : Jan 28, 2024, 7:49 PM IST

हैदराबाद : करीबन 2 दशक तक अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति दिलाने के लिए स्वतंत्रता संग्राम के नायक मोहनदास करमचंद गांधी का महत्वपूर्ण योगदान है. उनकी प्रेरक नेतृत्व क्षमता के कारण उन्हें महात्मा कहकर पुकराते हैं. 30 जनवरी 1948 को दोपहर 5 बजकर 16 से 17 मिनट के बीच अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी की नाथूराम गोडसे नामक एक व्यक्ति ने हत्या कर दी. पूरे राजकीय सम्मान के साथ 31 जनवरी को राजघाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया. बताया जाता है कि उनकी अंतिम यात्रा में 15-16 लाख लोगों ने हिस्सा लिया था.

दिल्ली के अलबुकर्क रोड स्थित बिरला हाउस रोड में प्रार्थना सभा में जाने के दौरान नजदीक से गोली मारकर दी. बताया जाता है कि नाथूराम ने बेरेटा पिस्टल से एक के बाद एक तीन गोलियां मारी. एक गोली उनके सीने में और 2 गोली उनके पेट में लगी. उनकी की मौत के बाद अलबुकर्क रोड, 30 जनवरी मार्ग के नाम से और बिरला हाउस, गांधी स्मृति भवन के नाम से जाना जाता है. गांधी के मौत के बाद इस तरह से भारत ही नहीं पूरी दुनिया में शांति-अहिंसा के एक युग का अंत हो गया. उनकी पुण्य तिथि को राष्ट्रीय शहीद दिवस के मनाया जाता है.

महात्मा गांधी से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

  1. महात्मा गांधी, जिन्हें भारत में प्यार से "बापू" कहा जाता है.
  2. 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में जन्मे लेने वाले गांधी जी भारत ही नहीं दुनिया भर में सत्य-अहिंसा के प्रतीक थे. उन्हें भारत में राष्ट्रपिता का दर्जा प्राप्त है.
  3. गांधी जी केवल शाकाहारी भोजन खाते थे. अपनी किताब 'द मोरल बेसिस ऑफ वेजिटेरियनिज्म' में उन्होंने लिखा है कि उन्होंने जीवन भर ताजी सब्जियां, दही, फल, बीज और नट्स का सेवन किया.
  4. महात्मा गांधी का दृढ़ विश्वास था कि अहिंसा स्वतंत्रता प्राप्त करने का तरीका है और उन्होंने लोगों को सत्याग्रह की अवधारणा से परिचित कराया.
  5. गांधी जी ने सत्याग्रह संघर्ष में अपने सहयोगियों के लिए दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग से 21 मील दूर 1100 एकड़ की जगह पर एक छोटी कॉलोनी, टॉल्स्टॉय फार्म की स्थापना की.
  6. उन्होंने देश में छुआछूत को खत्म करने के लिए भी काम किया. 1932 में उन्होंने अछूतों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए एक अभियान चलाया, जिन्हें उन्होंने "हरिजन" कहना शुरू किया, जिसका अनुवाद 'भगवान के बच्चे' है.
  7. गांधी जी और प्रसिद्ध लेखक लियो टॉल्स्टॉय पत्रों के माध्यम से एक-दूसरे से बातचीत करते थे.
  8. महात्मा गांधी ने भारत में हथकरघा उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए भी काम किया, विशेष रूप से खादी पर ध्यान केंद्रित किया.
  9. जब जवाहरलाल नेहरू आजादी का जश्न मनाने के लिए नियति का प्रयास भाषण दे रहे थे, उस समय गांधी जी मौजूद नहीं थे.
  10. 1930 में उन्हें टाइम मैगजीन की ओर से पर्सन ऑफ द ईयर के रूप में नामित किया गया था.
  11. 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी गई.
  12. उनके पास अचानक नाथूराम गोडसे नाम का एक 35 वर्षीय व्यक्ति आया - जो हिंदू महासभा का एक प्रमुख सदस्य था.
  13. भारतीय रिजर्व बैंक ने 1996 में अपनी शुरुआत के बाद से महात्मा गांधी का चित्र प्रदर्शित करते हुए गांधी श्रृंखला के बैंक नोट जारी किए. 1996 में जारी श्रृंखला 10 और 500 रुपये के बैंक नोटों की है.
  14. 1959 में गांधी स्मारक संग्रहालय की स्थापना की गई. यह भारत के तमिलनाडु में मदुरै शहर में स्थित है. इसे गांधी संग्रहालय के नाम से भी जाना जाता है. इसमें एक खून से सना हुआ कपड़ा है जिसे महात्मा गांधी ने तब पहना था जब नाथूराम गोडसे ने उनकी हत्या कर दी थी.

गांधी जी के प्रमुख कथन

'अहिंसा ताकतवरों का हथियार है.'

'गरीबी हिंसा का सबसे खराब रूप है.'

'अहिंसा और सत्य अविभाज्य हैं और एक दूसरे पर आधारित हैं.'

'सत्याग्रह बाहरी मदद पर निर्भर नहीं करता है, यह अपनी सारी शक्ति भीतर से प्राप्त करता है.'

'पृथ्वी हर आदमी की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त सामग्री प्रदान करती है, लेकिन हर आदमी के लालच को नहीं.'

'अगर हमें इस दुनिया में वास्तविक शांति सिखानी है, और अगर हमें युद्ध के खिलाफ वास्तविक युद्ध चलाना है, तो हमें बच्चों से शुरुआत करनी होगी.'

'किसी राष्ट्र की महानता और उसकी नैतिक प्रगति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वहां जानवरों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है.'

'मनुष्य को अपने भाग्य का निर्माता माना जाता है. यह केवल आंशिक रूप से सच है. वह अपना भाग्य तभी तक बना सकता है, जब तक महान शक्ति उसे अनुमति देती है.'

'हम कभी भी इतने मजबूत नहीं हो सकते कि विचार, वचन और कर्म से पूरी तरह अहिंसक हो सकें. लेकिन हमें अहिंसा को अपना लक्ष्य रखना चाहिए और उसकी दिशा में मजबूती से आगे बढ़ना चाहिए.'

'अगर हम खुद को बदल सकें, तो दुनिया की प्रवृत्तियां भी बदल जाएंगी. जैसे-जैसे इंसान अपना स्वभाव बदलता है, वैसे-वैसे दुनिया का भी उसके प्रति नजरिया बदलता है. हमें यह देखने के लिए इंतजार करने की जरूरत नहीं है कि दूसरे क्या करते हैं.'

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Last Updated : Jan 28, 2024, 7:49 PM IST

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