गोरखपुर: अयोध्या में राम मंदिर में रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा पूर्ण हो चुकी है. यहां हर दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए पहुंच रहे हैं. लेकिन, अभी भी कुछ लोग ऐसे हैं, जो अपने कठोर व्रत की वजह से सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा करते हुए प्रभु राम-सीता के दर्शन के लिए निकले हैं. लेकिन, अभी वह रास्ते में हैं. ऐसे ही राम भक्तों में से एक हैं दरभंगा अहिल्या मठ के महंत और पुजारिन.
दोनों 24 अक्टूबर 2023 को दंडवत यात्रा प्रारंभ करते हुए अयोध्या में दर्शन-पूजन के लिए निकले हैं. करीब 430 किलोमीटर की यात्रा पूरी करते हुए गुरुवार को वह गोरखपुर पहुंचे. गोरखपुर पहुंचने पर उनका विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया. महंत और पुजारिन के ऊपर फूल बरसाए. अपने स्वागत से अभिभूत अहिल्या मंदिर के महंत और पुजारिन ने कहा कि वह उस मंदिर से भगवान राम के दर्शन के लिए निकले हैं, जहां श्री राम के कदम खुद पड़े थे और देवी अहिल्या का उद्धार हुआ था. मीडिया से बात करते हुए इन दोनों ने कहा कि उनकी यात्रा भले ही अभी 130 किलोमीटर बाकी है. लेकिन, संकल्प भगवान राम और सीता के दर्शन का है, जो होली तक अवश्य पूर्ण हो जाएगा.
मीडिया से बात करते हुए अहिल्या मंदिर के महंत कामेश्वर मिश्र ने कहा कि उनके साथ मंदिर की पुजारिन अवंतिका मिश्रा भी दंडवत यात्रा पिछले 4 महीने से कर रही हैं. वह उनकी पत्नी हैं. नियम के मुताबिक, अहिल्या मंदिर की पुजारी कोई महिला ही होगी. जिसकी भूमिका उनकी पत्नी निभाती हैं. जब उन लोगों को मालूम चला कि अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को पीएम मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ करेंगे तो वह रामलाल और सीता माता के दर्शन के लिए दंडवत परिक्रमा के संकल्प के साथ दशहरे के अवसर पर अहिल्या मंदिर से प्रस्थान कर दिए. रास्ता लंबा था. अभी दोनों ने करीब 430 किलोमीटर की यात्रा तय की है. लेकिन, 130 किलोमीटर की जो यात्रा बाकी है, पूरी उम्मीद है कि होली तक पूर्ण करते हुए अयोध्या में भगवान राम और सीता माता का दर्शन प्राप्त हो जाएगा.