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सावधान! '9' डायल करते ही सामने आया वर्दी पहना शख्स, अकाउंट फ्रीज करने का डर दिखाकर नर्स से ठगे ₹15 लाख - Digital Arrest Case in Dehradun

Dehradun Cyber Fraud With Nurse: देहरादून में एक नर्स को सीबीआई अधिकारी बनकर फ्रॉड केस में जुड़े होने का डर दिखाकर लाखों रुपए की ठगी कर डाली. पीड़िता को जब ठगी का अहसास हुआ तो वह पुलिस के पास पहुंची और आपबीती बताई. महिला की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर पड़ताल तेज कर दी है.

Cyber ​​fraud with a nurse in Dehradun
देहरादून में नर्स से साइबर ठगी (Photo- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 28, 2024, 10:58 AM IST

देहरादून (उत्तराखंड): थाना राजपुर क्षेत्र के अंतर्गत संयुक्त राष्ट्र मिशन से छुट्टी पर आई सेना की नर्स को साइबर ठगों ने आईवीआर कॉल कर लाखों रुपए की ठगी कर ली. ठगों ने नर्स को सीबीआई अधिकारी बनकर फ्रॉड केस में जुड़े होने का डर दिखाने के बाद डिजिटल अरेस्ट कर लाखों रुपए ठग लिए. पीड़िता की शिकायत पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ थाना रायपुर में मुकदमा दर्ज कर लिया है. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

सीबीआई अधिकारी बनकर नर्स से ठगी:सैनिक कॉलोनी बालावाला निवासी नीतू सिंह ने शिकायत दर्ज कराई है कि वह भारतीय सेवा की मिलिट्री नर्सेस सर्विसेज (एमएनएस) विंग में कार्यरत है. वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र मिशन में तैनात है और कुछ दिन पहले ही 28 दिन की छुट्टी पर घर आई थी. 17 अगस्त को पीड़िता को एक आईवीआर कॉल आई, इसमें उन्हें बताया गया कि उनका नंबर बंद किया जा रहा है और अधिक जानकारी के लिए 9 दबाए. पीड़िता ने 9 नंबर दबाया तो एक व्यक्ति ने खुद को एक मोबाइल कंपनी का अधिकारी बताते हुए बात की.

महिला को किया डिजिटल अरेस्ट: व्यक्ति ने पीड़िता को बताया कि उनकी आईडी पर 15 जुलाई को एक नंबर शुरू हुआ है और यह नंबर गैर कानूनी गतिविधियों से जुड़ा है. व्यक्ति ने एक एफआईआर होने की बात पीड़िता को बताई. कुछ देर बाद एक व्यक्ति जिसने वर्दी पहनी हुई थी, उसने खुद को सीबीआई इंस्पेक्टर राजेश मिश्रा बताया. उसने पीड़िता से कहा कि उनका अकाउंट नंबर भी नरेश गोयल फ्रॉड केस से लिंक है. ऐसे में उन्हें बहुत जल्द किसी बड़ी मुसीबत में में फंसना पड़ सकता है.

महिला को दिखाया गया डर: इस व्यक्ति ने पीड़िता को ऑनलाइन रहने के लिए कहा और पूछताछ की. डर दिखाया की कोर्ट साक्ष्यों पर चलता है और उनके खिलाफ सभी साक्ष्य सीबीआई के पास हैं. साथ ही व्यक्ति ने पीड़िता के अकाउंट का सभी पैसा भी फ्रिज कराने का डर दिखाया और यह सभी बातें ऑनलाइन वीडियो कॉल पर हो रही थी. इस दौरान वह कही भी नहीं आ जा सकती थी. इसके बाद डर दिखाया कि उनका पैसा मनी लांड्रिंग में भी लगाया जा रहा है.

ठगा का अहसास होने पर पहुंची थाने: पीड़िता डर गई और व्यक्ति के कहे अनुसार 15 लाख 9 हजार रुपए बताए गए खातों में डाल दिए. रुपए डालने के बाद जब पीड़िता ने जांच पड़ताल की तो पता चला की वह कोई टेलीकॉम या सीबीआई नहीं है, बल्कि साइबर ठग हैं. थाना रायपुर प्रभारी प्रदीप नेगी ने बताया है कि पीड़िता की तहरीर के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज जांच शुरू कर दी है. साथ ही पीड़िता द्वारा जिन खातों में रुपए ट्रांसफर किए गए हैं, उन खातों की जानकारी जुटाई जा रही है.

आईवीआर (इंटरेक्टिव वाइस रिस्पांस) कॉल क्या है:साइबर ठग इन दिनों हर नंबर पर आईवीआर कॉल कर लोगों को झांसे में लेकर ठगी कर रहे हैं. आईवीआर कॉल कंप्यूटर जनरेटेड कॉल होती है, यह ऐसे ही होती है जैसे कोई कंपनी या कस्टमर केयर से बात होती है.

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