नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में पहले चरण की आठ सीटों पर में से पांच सीटों पर इंडिया ब्लॉक को बढ़त मिलने से कांग्रेस और समाजवादी पार्टी बहुत उत्साहित दिखाई दे रही है. यही वजह है कि इंडिया ब्लॉक के नेता अब अगले कुछ दिनों में समर्थन जुटाने के लिए राज्य के शेष पश्चिमी हिस्सों में समन्वय बैठकें करेंगे.
एआईसीसी महासचिव और यूपी के प्रभारी अविनाश पांडे ने बताया कि कांग्रेस और सपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ 22 अप्रैल को मथुरा, आगरा, फिरोजाबाद और मैनपुरी में समन्वय समिति की बैठक होगी. 23 अप्रैल को अलीगढ़, कासगंज, फर्रुखाबाद और शाहजहांपुर और 24 अप्रैल को बदांयू और बरेली जैसी सीटों पर समन्वय बैठकें करेंगे. यह कदम 20 अप्रैल को अमरोहा में कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा संबोधित संयुक्त रैली के बाद उठाया गया है. बता दें, लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 26 अप्रैल को इन सीटोें पर मतदान होगा.
अविनाश पांडे ने बताया, 'हम अगले तीन दिनों में पश्चिमी यूपी क्षेत्रों में समन्वय बैठकें करेंगे. इसी तरह की बैठकों ने हमें चरण 1 में मदद की और हमें उम्मीद है कि अगले चरण में भी यही गति बनी रहेगी. अमरोहा रैली बहुत सफल रही.
विपक्षी गुट के समन्वय के लिए पहली परीक्षा चरण 1 की आठ सीटों कैराना, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, मुरादाबाद, रामपुर, सहारनपुर, बिजनौर और नगीना में थी, जहां 19 अप्रैल को मतदान हुआ था. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि 8 में से, इंडिया ब्लॉक को 5 सीटों पर फायदा है, जबकि शेष 3 सीटों पर कड़ी लड़ाई है. उन्होंने कहा कि राजपूतों के बीच गुस्सा बेरोजगारी, मूल्य वृद्धि और गन्ना किसानों के लंबित बकाया जैसे मुद्दों के अलावा भाजपा की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा रहा है.
8 में से, कांग्रेस ने केवल सहारनपुर से चुनाव लड़ा, जहां पार्टी के उम्मीदवार इमरान मसूद को जीत की उम्मीद है. मसूद को अब स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया गया है. वह पश्चिमी यूपी के इलाकों में पार्टी उम्मीदवारों के समर्थन में वोट मांगेंगे. वरिष्ठ कांग्रेस नेता विवेक बंसल ने ईटीवी भारत को बताया, 'विभिन्न कारकों के संयोजन से भाजपा को नुकसान हुआ है. इंडिया गठबंधन ने अच्छा प्रदर्शन किया है. हम कम से कम चार सीटों सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, कैराना और नगीना पर आश्वस्त हैं.'
मसूद के साथ बंसल भी स्टार प्रचारक हैं. बंसल ने कहा, 'समन्वय बैठकों से हमें मतदाताओं को एकजुट करने में मदद मिली है. उन्हें यह याद दिलाने की जरूरत है कि विपक्षी गठबंधन उनके लिए बेहतर क्यों है. यह उनके लाभ के लिए क्या करेगा. अमरोहा की तरह, आने वाले चरणों में शीर्ष नेताओं की संयुक्त रैलियां हो सकती हैं'.
आने वाले चरणों में मथुरा सीट पर कांग्रेस के मुकेश धनगर बीजेपी प्रत्याशी और मौजूदा सांसद हेमा मालिनी को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. मैनपुरी में, सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी और सपा उम्मीदवार डिंपल यादव का मुकाबला भाजपा के जयवीर सिंह और बसपा के गुलशन देव शाक्य से है. 4 लाख से अधिक यादव मतदाताओं वाले मैनपुरी को सपा संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत मुलायम सिंह यादव, डिंपल के ससुर का गढ़ माना जाता है.
विपक्षी दल के लिए प्रतिष्ठा की सीट बन चुकी मैनपुरी में सपा भारी संसाधन लगा रही है. आगरा में त्रिकोणीय मुकाबला है, जहां भारत न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने संयुक्त रोड शो किया था. आगरा में सपा के सुरेश चंद्र कर्दम का मुकाबला भाजपा के एसपी सिंह बघेल और बसपा की पूजा अमरोही से है.
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