नई दिल्ली:लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन की सफलता से कांग्रेस उत्साहित है. पार्टी ब्रांड राहुल गांधी का इस्तेमाल करने और बसपा के समर्थकों को लुभाने के लिए अभियान शुरू करने की योजना बना रही है. पार्टी सूत्रों के अनुसार, लोकसभा चुनाव 2024 में विपक्षी गठबंधन इंडिया ने यूपी की 80 में से 43 सीटें जीतीं, जिसमें समाजवादी पार्टी की 37 और कांग्रेस की 6 सीटें शामिल हैं. वहीं बसपा एक भी सीट नहीं जीत पाई, जिससे पता चलता है कि पार्टी राज्य में अपनी प्रासंगिकता खो चुकी है.
कांग्रेस नेताओं का मानना है कि बसपा का ऐसा हाल इसलिए हुआ, क्योंकि मायावती का समर्थन करने वाले दलित मतदाताओं ने राहुल गांधी के 'संविधान बचाओ' अभियान का समर्थन किया. साथ ही बसपा समर्थकों को लगा कि मायवती का झुकाव भाजपा की तरफ है. कांग्रेस के प्रमुख पदाधिकारियों ने कहा कि आज बसपा के समर्थक निराश हैं और उन्हें वापस पार्टी में लाने के लिए कांग्रेस को लगातार अभियान चलाना चाहिए.
यूपी कांग्रेस के सह-प्रभारी महासचिव प्रदीप नरवाल ने ईटीवी भारत को बताया कि यूपी में एससी-एसटी मतदाताओं ने राहुल गांधी के 'संविधान बचाओ' नारे का समर्थन किया क्योंकि उन्हें आरक्षण पर खतरा महसूस हुआ और उन्होंने बसपा को भाजपा की बी-टीम के रूप में खेलते देखा. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भाजपा के दबाव के कारण ही बसपा प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे और राजनीतिक उत्तराधिकारी आकाश आनंद को चुनाव के दौरान पार्टी से अलग-थलग कर दिया था, क्योंकि वह भाजपा पर हमले बोले रहे थे.
उन्होंने कहा कि भाजपा का खुलकर समर्थन करके बसपा ने उत्तर प्रदेश में अपनी प्रासंगिकता खो दी है. अगर बसपा ने भाजपा का समर्थन नहीं किया होता, तो भगवा पार्टी की राज्य में 10 सीटें भी नहीं आतीं. बसपा समर्थक अब निराश हैं और एक विश्वसनीय मंच की तलाश कर रहे हैं. हमें इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए. हम जल्द ही राहुल गांधी के संदेश को राज्य भर में गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए अभियान शुरू करेंगे.