नई दिल्ली : बिहार कांग्रेस प्रमुख अखिलेश प्रसाद सिंह ने पूर्णिया लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल करने वाले पप्पू यादव के खिलाफ पार्टी आलाकमान से शिकायत की है. लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई संभव नहीं हो सकेगी.
एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, 'बिहार इकाई प्रमुख का मानना है कि राजद को पूर्णिया सीट मिलने के बाद पप्पू यादव का निर्दलीय नामांकन दाखिल करना गठबंधन की भावना के खिलाफ है. इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. हालांकि, समस्या यह है कि पप्पू यादव अभी तक कांग्रेस पार्टी के सदस्य भी नहीं हैं.'
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, पप्पू यादव ने 20 मार्च को अपनी जन अधिकार पार्टी के कांग्रेस में विलय की घोषणा की थी और वह पूर्णिया से टिकट पाने की उम्मीद कर रहे थे, जिसका वे पहले तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.
हालांकि, पप्पू के इस कदम के तुरंत बाद राजद जो उन्हें अपनी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ाना चाहती थी, उसने खेल खेलना शुरू कर दिया और पूर्व जद-यू विधायक बीमा भारती को पूर्णिया से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया.
कांग्रेस और राजद के बीच फंसे पप्पू यादव ने राजद से उन्हें समर्थन देने का आग्रह किया लेकिन जब बात नहीं बनी तो उन्होंने आगे बढ़कर 4 अप्रैल को निर्दलीय के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया. पप्पू यादव की नामांकन रैली में कांग्रेस के किसी भी बड़े नेता ने भाग नहीं लिया, लेकिन बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता पार्टी का झंडा लेकर शक्ति प्रदर्शन में शामिल हुए. इस मुद्दे ने बिहार कांग्रेस को विभाजित कर दिया है और राजद के साथ सबसे पुरानी पार्टी के संबंधों में खटास आ सकती है.
एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, 'हमें पूर्णिया सीट मिलनी चाहिए थी लेकिन गठबंधन के लिए हमें बलिदान देना पड़ा. पप्पू अपनी सीट पर सालों से मेहनत कर रहे हैं और उनके जीतने की प्रबल संभावना है.'