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हिमाचल उपचुनाव: ना राहुल आए ना खड़गे, शिमला में रहते हुए प्रियंका ने भी नहीं किया प्रचार, क्योंकि पिछले महीने ही बच गई थी सरकार ? - Congress Election campaign Himachal - CONGRESS ELECTION CAMPAIGN HIMACHAL

Congress Election campaign in Himachal:हिमाचल प्रदेश में 10 जुलाई को 3 विधानसभा सीटों हमीरपुर, देहरा और नालागढ़ में उपचुनाव को लेकर मतदान होना है. प्रदेश में 8 जुलाई शाम से चुनाव प्रचार थम गया है. इस बार कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व से कोई भी नेता हिमाचल में चुनाव प्रचार करने नहीं पहुंचा. इसके पीछे की वजह खबर में पढ़िए...

Congress Election campaign in Himachal
हिमाचल में कांग्रेस का चुनाव प्रचार (ETV Bharat फाइल फोटो)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 9, 2024, 9:28 AM IST

Updated : Jul 9, 2024, 11:50 AM IST

शिमला: हिमाचल में विधानसभा की तीन सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए चुनाव प्रचार का शोर सोमवार को थम गया है. इन तीनों विधानसभा क्षेत्रों देहरा, नालागढ़ और हमीरपुर में 10 जुलाई को मतदान होना है.

ऐसे में अब इन विधानसभा सीटों पर चुनावी सभाएं आयोजित नहीं हो सकती हैं. तीनों सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव के प्रचार के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने प्रियंका गांधी वाड्रा समेत 40 नेताओं को स्टार प्रचारक बनाया था. इनमें केंद्रीय नेताओं के और भी कई बड़े नाम शामिल थे.

उम्मीद जताई जा रही थी कि ये नेता तीनों विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस प्रत्याशियों के पक्ष में चुनावी रैलियां करेंगे लेकिन अब हिमाचल की तीनों सीटों पर चुनाव प्रचार थम गया है. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सहित कोई भी केंद्रीय नेता हिमाचल में होने वाले उपचुनाव में प्रचार के लिए नहीं पहुंचा.

वहीं, एक महीने पहले जब सुक्खू सरकार को बचाना था तो विधानसभा की 6 सीटों पर हुए उपचुनाव में राहुल गांधी से लेकर प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे तक चुनाव प्रचार के लिए हिमाचल पहुंचे थे.

शिमला में होते हुए भी प्रचार से दूर रहीं प्रियंका

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा 26 जून को एक महीने के अंदर ही दूसरी बार शिमला आई थीं. यहां शिमला से सटे छराबड़ा में प्रियंका गांधी का निजी आवास है. प्रियंका गांधी वाड्रा 5 दिन शिमला में आराम करने के बाद वापस लौट गई थीं लेकिन इस दौरान प्रियंका गांधी ने विधानसभा उपचुनाव के लिए किसी भी सीट पर प्रचार नहीं किया.

हिमाचल उपचुनाव में कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं ने नहीं किया प्रचार (सोशल मीडिया)

इसी तरह से स्टार प्रचारकों की सूची में केंद्रीय स्तर का कोई भी अन्य नेता चुनावी जनसभा करने नहीं पहुंचा. कांग्रेस की स्टार प्रचारकों की सूची में प्रियंका गांधी का नाम पहले नंबर पर था. एक महीने पहले हिमाचल में लोकसभा की चार सीटों व विधानसभा की छह सीटों पर हुए उपचुनाव में जब प्रदेश की 15 महीने पुरानी सुक्खू सरकार को बचाना था तो अकेले प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रदेश के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में 6 चुनावी जनसभाएं और दो रोड शो किए थे.

इसके अलावा साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में प्रियंका गांधी ने स्टार प्रचारक के तौर पर हिमाचल में चुनावी जनसभाएं की थीं. वहीं, राहुल गांधी ने उस दौरान दो और मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया था.

सीएम सुक्खू के कंधों पर जिम्मेवारी

हिमाचल में विधानसभा की तीन सीटों पर होने वाले उपचुनाव में सबसे अधिक जिम्मेवारी सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के कंधों पर थी. देहरा विधानसभा सीट पर सीएम सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर चुनाव लड़ रही हैं.

वहीं, हमीरपुर सीट सीएम के गृह जिला में पड़ती है. ऐसे में इन दोनों ही सीटों पर सीएम सुक्खू की प्रतिष्ठा दांव पर है. इस तरह से उपचुनाव में कांग्रेस की जीत के लिए सीएम सुक्खू ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी थी.

हालांकि इस दौरान उनको कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह, डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह का भी साथ मिला. फील्ड पर कांग्रेस के प्रयास कितने सफल रहे ये 13 जुलाई को चुनाव के नतीजे घोषित होने पर ही सामने आएगा.

तीनों सीटें जीती तो 2022 से होगी एक ज्यादा

13 जुलाई को विधानसभा उपचुनाव में अगर कांग्रेस तीनों सीटों पर जीत हासिल करती है तो कांग्रेस विधायकों की संख्या 41 हो जाएगी जो साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में जीती गई 40 सीटों से एक सीट अधिक होगी.

वहीं, अगर कांग्रेस एक भी सीट जीतने में सफल नहीं रहती है तो भी सुक्खू सरकार को कोई खतरा नहीं है. कांग्रेस के पास पहले ही बहुमत के लिए जरूरी 35 के आंकड़े से 3 विधायक अधिक हैं. वहीं, बीजेपी अगर तीनों सीटें जीतती है तो भी पार्टी बहुमत के आंकड़े से बहुत दूर होगी.

वरिष्ठ पत्रकार धनंजय शर्मा ने कहा"उपचुनाव में कांग्रेस की हार होने पर भी सरकार को कोई खतरा नहीं है. प्रदेश में कांग्रेस के पहले ही 38 विधायक हैं. ये संख्या बहुमत के आंकड़े से तीन अधिक है. इस तरह से हिमाचल में कांग्रेस की सरकार स्थिर है. वहीं, हाल ही में विधानसभा की छह सीटों पर संपन्न हुए उपचुनाव की बात की जाए तो उस समय कांग्रेस को सरकार बचाने के लिए चुनाव में जीत जरूरी थी. उस दौरान कांग्रेस के पास विधायकों का संख्या बल 34 था, जो बहुमत के आंकड़े से एक कम था. ऐसे में कांग्रेस पिछले उपचुनाव के पहले अधिक गंभीर थी. कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर के नेताओं ने छह सीटों पर उपचुनाव में जीत के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी."

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Last Updated : Jul 9, 2024, 11:50 AM IST

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