देहरादून: उत्तराखंड गठन के बाद से अभी तक 18 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए हैं. विधानसभा उपचुनाव का अभी इतिहास रहा है कि राज्य में जिस पार्टी की सरकार रही है उसी ने उपचुनाव में जीत दर्ज की है. साल 2004 में द्वाराहाट सीट पर हुए एक उपचुनाव को छोड़ दें तो अब तक हुए सभी उपचुनाव में सत्ताधारी पार्टी के कैंडिडे्टस ने जीत दर्ज की है. साल 2024 में दो विधानसभा सीटों मंगलौर और बदरीनाथ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव हुए. जिसमें सत्ताधारी पार्टी भाजपा को हार का सामना पड़ा है. उत्तराखंड के इतिहास में ऐसा पहली बार ऐसा हुआ जब सत्ताधारी पार्टी एक नहीं बल्कि दोनों उपचुनाव हार गई.
साल 2004 में द्वाराहाट सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान यूकेडी प्रत्याशी को उस वक्त जीत इसलिए मिली, क्योंकि कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार उतारा ही नहीं था. लिहाजा धामी सरकार के दौरान दो महत्वपूर्ण विधानसभाओ में हुए उपचुनाव के नतीजे बीजेपी उम्मीदवारों के लिए ही नहीं बल्कि राज्य सरकार के लिए भी एक बड़ा झटका हैं. हालांकि, इतना जरूर है कि मंगलौर विधानसभा सीट पर भाजपा अभी तक एक भी बार चुनाव नहीं जीत पाई है. ऐसे में मंगलौर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव की हार भाजपा के लिए उतनी कष्टदाई नहीं है.
मंगलौर विधानसभा सीट पर भाजपा ने काफी बढ़त हासिल की है. हर चुनाव के दौरान भाजपा यहां तीसरे पायदान पर रहती है. इस बार भाजपा बढ़त बनाते हुए दूसरे पायदान पर पहुंची है. भाजपा यहां बेहद कम 422 मतों से ही हारी है. ऐसे में मंगलौर विधानसभा सीट पर भाजपा का प्रदर्शन राज्य गठन के बाद पहली बार काफी बेहतर रहा है. बदरीनाथ विधानसभा सीट पर भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा. इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस से सिटिंग विधायक रहे राजेंद्र भंडारी इसी साल लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में शामिल हुये थे. जिसके बाद राजेंद्र भंडारी ने इस्तीफा दे दिया था.
बदरीनाथ सीट उपचुनाव के लिए भाजपा ने राजेंद्र सिंह भंडारी को प्रत्याशी घोषित किया. कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता लखपत बुटोला को कैंडिडेट बनाया. बदरीनाथ में भाजपा को पूरी उम्मीद थी कि राजेंद्र सिंह भंडारी जीत हासिल करेंगे, लेकिन, ऐसा नहीं हुआ. बदरीनाथ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी लखपत बुटोला ने भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र सिंह भंडारी को 5095 वोटों से हरा दिया.
उत्तराखंड में कब-कब हुए उपचुनाव
- साल 2002 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस विधायक योगम्बर सिंह ने तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के लिए अपनी सीट को छोड़ी. जिसके चलते साल 2002 में रामनगर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ.
- 2004 में द्वाराहाट के विधायक विपिन त्रिपाठी के निधन के बाद खाली हुई द्वाराहाट विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ. इस चुनाव में यूकेडी के प्रत्याशी पुष्पेश त्रिपाठी ने चुनाव जीता. इस सीट पर कांग्रेस ने प्रत्याशी नहीं उतारा था.
- साल 2002 में निर्दलीय चुनाव जीते सुरेंद्र सिंह नेगी साल 2005 में कोटद्वार विधानसभा सीट को छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए. कोटद्वार विधानसभा सीट पर साल 2005 में उपचुनाव हुआ. जिसमें दोबारा से सुरेंद्र सिंह नेगी जीतकर विधायक बने.
- साल 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में धुमाकोट विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक लेफ़्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) टीपीएस रावत ने चुनाव जीता. इन्होंने भाजपा सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री भुवन चंद खंडूरी के लिए अपनी सीट छोड़ी. जिसके बाद साल 2007 में धुमाकोट विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ. इस उपचुनाव में मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी चुनाव जीते.
- साल 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में कपकोट विधानसभा सीट से भगत सिंह कोश्यारी विधायक चुने गए. साल 2008 में भगत सिंह कोश्यारी को राज्यसभा सांसद बनाया गया. जिसके चलते कपकोट विधानसभा सीट पर साल 2009 में उपचुनाव हुआ. इस उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी शेर सिंह गढ़िया चुनाव जीते.
- साल 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में विकास नगर विधानसभा सीट पर भाजपा से मुन्ना सिंह चौहान विधायक चुने गए. भाजपा संगठन और उनके अहम के बीच हुए टकराव के बाद उन्होंने अप्रैल 2009 में विधायकी से इस्तीफा देने के साथ ही भाजपा का दामन भी छोड़ दिया. जिसके चलते इस साल 2009 में विकास नगर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ. इस उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी कुलदीप कुमार चुनाव जीते.
- साल 2012 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान सितारगंज विधानसभा सीट से भाजपा विधायक किरन मंडल ने इस्तीफा दिया. जिसके चलते इस विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ. इस सीट पर तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने जीत दर्ज की थी.
- साल 2012 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान डोईवाला विधानसभा सीट से रमेश पोखरियाल निशंक ने चुनाव जीता. साल 2014 में डोईवाला से इस्तीफा देकर हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए. जिसके चलते साल 2014 में डोईवाला विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ. इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी हीरा सिंह बिष्ट को जीत मिली.
- साल 2012 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान धारचूला विधानसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी से हरीश धामी विधायक बने. तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के लिए उन्होंने धारचूला विधानसभा सीट छोड़ी. जिसके चलते साल 2014 में धारचूला विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ. इस चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत को जीत मिली.
- साल 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा से अजय टम्टा विधायक बने. साल 2014 में सांसद चुने जाने के बाद विधानसभा सीट छोड़ दी थी. जिसके बाद सोमेश्वर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ. इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रेखा आर्य को जीत मिली.
- साल 2014 में भगवानपुर के विधायक सुरेंद्र राकेश के निधन के बाद खाली हुई भगवानपुर विधानसभा सीट पर साल 2015 में उपचुनाव हुए. इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी ममता राकेश को जीत मिली.
- साल 2018 में थराली के विधायक मगनलाल शाह के निधन के बाद खाली हुई थराली विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए. उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी मुन्नी देवी ने चुनाव जीता था.
- साल 2019 में वित्तमंत्री प्रकाश पंत के निधन के बाद खाली हुई पिथौरागढ़ सीट पर उपचुनाव हुआ. इस उपचुनाव में उनकी पत्नी एवं भाजपा प्रत्याशी चंद्रा पंत ने चुनाव जीता.
- साल 2020 में सल्ट विधानसभा सीट से विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के निधन के बाद साल 2021 में इस सीट पर उपचुनाव कराया गया. उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी महेश जीना ने चुनाव जीता.
- साल 2022 में हुए चुनाव में भाजपा प्रत्याशी कैलाश गहतोड़ी ने सीएम पुष्कर सिंह धामी के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. जिसके चलते चंपावत विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराया गया. इस उपचुनाव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चुनाव जीता.
- साल 2023 में बागेश्वर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ. कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के निधन के चलते बागेश्वर सीट खाली हुई थी. इस उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी पार्वती दास ने चुनाव जीता.
- साल 2024 में मंगलौर और बदरीनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ. इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन, लखपत बुटोला ने जीत दर्ज की है.