सौम्या चौरसिया, रानू साहू और समीर बिश्नोई सहित 15 आरोपी भेजे गए जेल, सूर्यकांत तिवारी ने दिखाया विक्ट्री साइन - Coal scam case
छत्तीसगढ़ कोल स्कैम केस में सोवार को कोर्ट ने सौम्या चौरसिया, रानू साहू और समीर बिश्नोई सहित 15 आरोपियों को जेल भेज दिया है. सभी 15 लोगों को 12 जुलाई तक के लिए जेल भेजा गया है. कोर्ट से बाहर निकलते वक्त सूर्यकांत तिवारी ने मीडिया के सामने विक्ट्री साइन दिखाया.
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Jul 1, 2024, 10:38 PM IST
रायपुर:छत्तीसगढ़ में कथित 500 करोड़ रुपए से अधिक के कोयला घोटाला मामले में सोमवार को कोर्ट में आरोपियों की पेशी हुई. पेशी में छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला मामले में न्यायिक रिमांड पर चल रहे मास्टरमाइंड सूर्यकांत तिवारी, निलंबित आईएएस समीर बिश्नोई सहित 13 लोगों को कोर्ट में पेश किया गया. इसके साथ ही निलंबित आईएएस रानू साहू और सौम्या चौरसिया वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से पेशी में शामिल हुईं. पेशी के बाद जज के चेंबर से बाहर निकलते समय सूर्यकांत तिवारी ने हंसते हुए विक्ट्री साइन मीडिया के कैमरों पर दिखाया. कोर्ट में दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद सभी आरोपियों को 12 जुलाई तक न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है. रायपुर के कोर्ट में फिर से 12 जुलाई को सभी आरोपी पेश होंगें.
सूर्यकांत तिवारी ने दिखाया विक्ट्री साइन: कोयला घोटाला मामले में जेल में बंद सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका पर 27 जून को सुनवाई हुई थी. सुनवाई के बाद कोर्ट ने सौम्या चौरसिया की याचिका को खारिज कर दिया था. कांग्रेस सरकार में प्रभावशाली रही अफसर सौम्या चौरसिया को कोयला घोटाला और मनी लांड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय ने 2 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया था. इसके बाद से सेंट्रल जेल रायपुर में बंद है. प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद प्रवर्तन निदेशालय के प्रतिवेदन पर एसीबी और eow की ओर से फिर से एफआईआर दर्ज की गई थी. इसके बाद ईओडब्ल्यू ने सौम्या चौरसिया को रिमांड पर लेकर पूछताछ भी की थी.
EOW ने स्पेशल कोर्ट में पेश किया था आवेदन: EOW ने स्पेशल कोर्ट में आवेदन पेश किया था जिसमें यह कहा गया था कि सौम्या चौरसिया को सूर्यकांत तिवारी के रिश्तेदार मनीष उपाध्याय और जय नामक व्यक्ति के जरिए 36 करोड रुपए पहुंचाए गए. यह पैसा अवैध रूप से लेवी के जरिए आया था. वहीं निलंबित आईएएस रानू साहू ने कोयला घोटाला मामले में कारोबारी सूर्यकांत तिवारी और उनके साथियों के द्वारा ट्रांसपोर्टरों से अवैध वसूली करने में मदद की थी. मदद के बदले में मिलने वाले पैसे से निलंबित आईएएस रानू साहू ने अपने भाई पीयूष साहू और अन्य रिश्तेदारों के नाम से कई चल और अचल संपत्तियां खरीदी है.