बलौदाबाजार/रायपुर: बलौदाबाजार हिंसा में नाराज भीड़ ने कलेक्टर और एसपी दफ्तर को आग के हवाले कर दिया. कई गाड़ियों को फूंक दिया. करोड़ों की संपत्ति के स्वाहा होने के बाद अब हालात काबू में आए हैं. पुलिस की बड़ी टीम इलाके में कैंप कर रही है. सरकार के मंत्री लगातार लोगों से शांति की अपील कर रहे हैं. हिंसा थमने के बाद अब सियासी बयानबाजी का दौर भी शुरु हो चुका है. विपक्ष ने इस मुद्दे को बड़ा सियासी हथियार बनाते हुए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कांग्रेस के तमाम दिग्गजों ने सरकार को कानून व्यवस्था के नाम पर फेल बताया है. सरकार को कोसते हुए विपक्ष ने यहां तक कह दिया है कि हिंसा की जिम्मेदार खुद सरकार है.
हिंसा खत्म, सियायत शुरु:प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तो विष्णु देव साय सरकार का इस्तीफा तक मांग लिया है. भूपेश बघेल ने सरकार पर आरोप लगाया है कि कानून व्यवस्था का राज कायम करने में सरकार फेल साबित हुई है. भूपेश बघेल ने तंज कसते हुए कहा है कि सरकार का इकबाल खत्म होता जा रहा है. सरकार की नाकामी की चलते इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं. हिंसा के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराने वालों की फेरिश्त लगातार बढ़ती जा रही है. भूपेश बघेल से पहले नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने भी बलौदाबाजार हिंसा के लिए साय सरकार को जिम्मेदार बताया है. चरणदास महंत ने कहा है कि कानून व्यवस्था की हालत प्रदेश में लचर हो गई है. महंत ने आरोप लगाया कि 15 मई से समाज विशेष के लोग न्याय के लिए भटक रहे थे. सरकार ने उनकी बात सुनी नहीं. चरणदास महंत के बाद पीसीसी चीफ दीपक बैज ने तो सरकार को कोसते हुए कहा कि ये सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हो रही है.
विपक्ष ने भी की शांति की अपील:कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष ने जरूर सरकार को कोसा है. इसके साथ ही नाराज समाज विशेष के लोगों से शांति की अपील भी की है. भूपेश बघेल से लेकर दीपक बजै ने कहा है कि सभ्य समाज में हिंसा की कोई जगह नहीं है. हिंसा से किसी भी समस्या का समाधान नहीं निकल सकता है. हिंसा से समाज और राज्य का ही नुकसान होता है. विष्णु देव साय सरकार ने भी लोगों से शांति की अपील करते हुए कानून को अपने हाथ में नहीं लेने का आग्रह किया है. सीएम ने कहा है कि हिंसक गतिविधियों में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा. गृहमंत्री विजय शर्मा ने भी लोगों से कानून व्यवस्था का पालन करने की बात कही है.
एक्शन में सरकार: सीएम विष्णु देव साय ने हालात के मद्देनजर उच्च स्तरीय बैठक की. सीएम ने आईजी और कमिश्नर को तलब कर घटनास्थल पर जाने के दिशा निर्देश दिए. डीजीपी से पूरी घटना की जानकारी हासिल करने के बाद घटना की पूरी रिपोर्ट तलब की है. सीएम ने अफसरों को निर्देश दिए हैं कि हिंसा और सौहार्द बिगाड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए. पूरे मामले की न्याययिक जांच के आदेश भी विष्णु देव साय ने दिए हैं.
घटना पर एसपी ने क्या कहा:आगजनी और तोड़फोड़ की घटना पर एसपी सदानंद कुमार ने कहा है कि ''शांतिपूर्ण धरने की बात उनकी ओर से कही गई थी. अचानक से लोग भड़क गए. आगजनी और पथराव शुरु हो गया. लोक बैरिकेड तोड़कर कलेक्टर दफ्तर के पास पहुंच गए. जिस घटना का विरोध जताया जा रहा था उसकी जांच के आदेश पहले ही दे दिए गए थे''.
'' प्रदेश में आजतक इतनी बड़ी हिंसा नहीं हुई. सरकार का इकबाल खत्म हो गया है. इस सरकार को ऐसे में सत्ता में बने रहना नहीं चाहिए. राज्यपाल को संज्ञान लेते हुए सरकार का इस्तीफा मांगना चाहिए. सरकार की इतनी बड़ी नाकामी ये बताती है कि सरकार कानून व्यवस्था के नाम पर फेल है. अगर शासन-प्रशासन ने समय पर आवश्यक कदम उठाए होते तो लोगों की नाराज़गी को इस हद तक जाने से रोका जा सकता था. ये समाज सद्भाव के रास्ते पर चलने वाला समाज है. मैं समाज के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं''. - भूपेश बघेल, पूर्व सीएम, छत्तीसगढ़