रांचीः झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 की मतगणना अब अंतिम पड़ाव पर हैं. इंडिया गठबंधन ने अजेय बढ़त बनाते हुए जादुई आंकड़े को छू लिया है. सीएम हेमंत सोरेन ने एक बार फिर बरहेट सीट से जीत दर्ज की है. इसके साथ ही उनके नेतृत्व में इंडिया गठबंधन ने बड़ी जीत हासिल की है.
हेमंत सोरेन ने बीजेपी प्रत्याशी गमालियल हेंब्रम को हराया. करीब 40 हजार वोटों के अंतर से उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी को पटखनी देते हुए बरहेट से जीत की हैट्रिक पूरी कर ली. हेमंत सोरेन 2014 से इस सीट से लगातार जीत रहे हैं. इस बार भी बरहेट की जनता ने उनका साथ दिया.
सूबे में भी इंडिया गठबंधन की बंपर जीत हुई है. इस जीत के अगुआ हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन को माना जा रहा है और होना भी चाहिए, क्योंकि इन दोनों नेताओं झामुमो के साथ साथ इंडिया गठबंधन के लिए चुनाव प्रचार का जिम्मा अपने कंधे पर उठाया और उसे बखूबी निभाया. हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन ने मिलकर झामुमो उम्मीदवारों के साथ-साथ कांग्रेस और राजद उम्मीदवारों के लिए 200 से अधिक सभाएं की. इन दोनों ने लगभग सभी 81 विधानसभा सीटों पर सभा की और जनता को ये बताने में कामयाब रहे कि भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार ने मिलकर हेमंत को परेशान किया और झूठे केस में जेल भेजा.
हेमंत सोरेन का जीवन परिचय
हेमंत सोरेन का जन्म संयुक्त बिहार के रामगढ़ जिला के नेमरा में हुआ है. वे माता रूपी सोरेन और पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के दूसरे पुत्र हैं. हेमंत सोरेन के दो भाई और एक बहन हैं. उनकी शैक्षणिक योग्यता पटना हाई स्कूल, पटना, बिहार से इंटरमीडिएट की. चुनाव आयोग के समक्ष दायर हलफनामे के अनुसार हेमंत सोरेन ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीआईटी मेसरा रांची में दाखिला लिया लेकिन उन्होंने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी.
सियासी सफर
हेमंत सोरेन ने 2003 में छात्र राजनीति में कदम रखा. 2005 के विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन दुमका विधानसभा सीट से जेएमएम के अधिकृत प्रत्याशी के रूप में उतरे लेकिन उन्हें स्टीफन मरांडी ने हरा दिया. दुमका सीट से स्टीफन मरांडी जेएमएम के प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीतते रहे. 2005 में पार्टी ने स्टीफन मरांडी की जगह हेमंत सोरेन को उतारा. इसी वजह से स्टीफन मरांडी बागी होकर निर्दलीय मैदान में उतर गए और चुनाव जीत गये.