नई दिल्ली/चंडीगढ़ :लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून(CAA) का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इस नोटिफिकेशन के मुताबिक अब भारत के 3 पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिल सकेगी. भारत सरकार ने इसके लिए एक वेब पोर्टल भी तैयार किया है जिस पर जाकर नागरिकता चाहने वालों को अप्लाई करना होगा. इसके बाद सरकार की ओर से पूरी जांच-पड़ताल पूरी हो जाने के बाद उन्हें इस कानून के तहत नागरिकता दी जा सकेगी. वहीं अधिसूचना के जारी होने के बाद दिल्ली समेत कई राज्यों में सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है. वहीं बीजेपी ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है.
"विपक्ष ने हमेशा CAA का विरोध किया":ईटीवी भारत की टीम ने नागरिकता संशोधन कानून(CAA) को लेकर हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर से खास बातचीत की है. शिक्षा मंत्री ने कहा है कि वे इसका स्वागत करते हैं और सरकार के इस कदम से वे काफी खुश हैं. उन्होंने कहा कि जब देश का विभाजन हुआ तो उसका फैसला नेताओं ने किया था. उस वक्त जो लोग वहां रह गए थे, उनकी जिम्मेदारी भी नेताओं की थी. उस वक्त भी नेताओं ने कहा था कि अगर आने वाले वक्त में ऐसे नागरिकों के जान-माल की रक्षा और मान-सम्मान का ध्यान भारत रखेगा. लेकिन वहां रह रहे ऐसे नागरिकों का ध्यान नहीं रखा गया. जो लोग कभी 23 प्रतिशत थे, वे 2 प्रतिशत रह गए हैं. ऐसे में लोग अगर अपनी जान की हिफाजत के लिए और अपने मान-सम्मान की रक्षा के लिए भारत आकर रहना चाहते हैं तो ऐसे में उनकी रक्षा की जिम्मेदारी भारत की बनती है. वहीं कांग्रेस के इसकी टाइमिंग पर सवाल उठाने पर उन्होंने कहा कि सभी विपक्ष की पार्टियों ने इसका विरोध किया था. अब जनता के पास जाने का वक्त है, जनता ही अब इसका फैसला करेगी.
टाइमिंग पर कांग्रेस के सवाल :वहीं ईटीवी भारत की टीम ने जब इस मुद्दे पर पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व शिक्षा मंत्री परगट सिंह से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि वे इसके फायदे और नुकसान पर नहीं जाना चाहते लेकिन सरकार ने जो टाइमिंग चुनी है, वो सवालों के घेरे में है. उन्होंने कहा कि इसके लागू होने से निश्चित तौर पर कुछ लोगों को फायदा जरूर मिलेगा. लेकिन बीजेपी ने जान बूझकर इसको लागू करने की ये टाइमिंग चुनी है ताकि लोगों का ध्यान इलेक्टोरल बॉन्ड के मुद्दे से हटाया जा सके. उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड को देश का सबसे बड़ा घोटाला बताया.