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कर्नाटक में रहने वाले लोगों को कन्नड़ भाषा सीखनी चाहिए: मुख्यमंत्री सिद्धारमैया - Karnataka Kannada Siddaramaiah - KARNATAKA KANNADA SIDDARAMAIAH

CM Siddaramaiah On Learning Kannada : कर्नाटक विधानसभा के परिसर में सिद्धारमैया ने 'कन्नड़' भाषा को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि हर किसी को यह तय करना चाहिए कि कर्नाटक में रहने वाले लोगों के साथ कन्नड़ में ही बात की जाये.

CM Siddaramaiah On Learning Kannada
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की फाइल फोटो. (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 21, 2024, 7:56 AM IST

बेंगलुरु :कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि कन्नड़ भाषा, भूमि और जल की रक्षा करना हर कन्नड़िगा की जिम्मेदारी है. उन्होंने राज्य के सभी लोगों से कन्नड़ भाषा सीखने का आग्रह किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि मातृभाषा बोलना गर्व की बात होनी चाहिए. सिद्धारमैया ने बेंगलुरु में एक सार्वजनिक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि हर किसी को कर्नाटक में रहने वाले लोगों के साथ कन्नड़ में बात करने का फैसला करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि यह शपथ लेनी चाहिए कि कन्नड़ के अलावा कोई अन्य भाषा नहीं बोली जाएगी. कन्नड़िगा उदार हैं. यही कारण है कि कर्नाटक में ऐसा माहौल है जहां अन्य भाषाएं बोलने वाले भी कन्नड़ सीखे बिना रह सकते हैं. तमिलनाडु, आंध्र या केरल राज्यों में ऐसी स्थिति नहीं देखी जा सकती. वे केवल अपनी मातृभाषा में बोलते हैं. हमें भी अपनी मातृभाषा में बोलना चाहिए. इससे हमें गर्व होना चाहिए.

उन्होंने कहा कि कन्नड़ माहौल बनाना हम सबका कर्तव्य है. इसके लिए यहां रहने वाले सभी लोगों को कन्नड़ सीखना चाहिए. कन्नड़ के प्रति प्रेम विकसित होना चाहिए. लेकिन हमें अपनी भाषा, भूमि और देश के प्रति सम्मान और प्रशंसा विकसित करनी चाहिए. वे कन्नड़ और संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित कर्नाटक नामकरण सुवर्ण महोत्सव समारोह में बोल रहे थे. इस समारोह के हिस्से के रूप में विधानसभा के पश्चिमी प्रवेश द्वार के पास नादा देवी भुवनेश्वरी की कांस्य प्रतिमा के निर्माण के लिए भूमि पूजन किया गया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा के परिसर में करीब 25 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा का निर्माण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह काम 1 नवंबर 2024 तक पूरा हो जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि काम शुरू हो चुका है और धन की कोई कमी नहीं है. निर्देश है कि यह लोगों को आकर्षित करे. मुझे लगता है कि यह प्रतिमा विधान सौध के आकर्षण में इजाफा करेगी. एक नवंबर, 2023 को कर्नाटक राज्य का नाम रखे जाने के 50 साल पूरे हो गए. इस साल को 'हेसरायतु कर्नाटक, उसीरागली कन्नड़' नारे के साथ कर्नाटक संभ्रम नाम दिया गया है.

अपने भाषण में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने पूरे साल कार्यक्रम आयोजित किए. एक नवंबर, 2023 को हम्पी से कार्यक्रम की शुरुआत हुई. गडग में भी एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया. नामकरण के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री देवराज अरासु ने उस जगह का दौरा किया. उनके कार्यकाल में ही राज्य का नाम कर्नाटक रखा गया था. तब तक इसे मैसूर राज्य कहा जाता था. इस कार्यक्रम के दौरान विधान परिषद के अध्यक्ष बसवराज होरट्टी, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, कन्नड़ और संस्कृति मंत्री शिवराज थंगादगी और विधायक मौजूद थे.

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