छिन्दवाड़ा। 5 साल के मासूम आर्या को इंतजार था कि 7 जून को उसके पापा उसके जन्मदिन पर हवाई जहाज और खिलौनों की पोटली लेकर आएंगे, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था. हेलीकॉप्टर तो आया लेकिन उसमें मासूम के पापा का तिरंगा में लिपटा हुआ शव वापस आया. सेना के प्रोटोकॉल के अनुसार शहीद विक्की का अंतिम संस्कार मंगलवार को छिंदवाड़ा में किया गया. जहां नम आंखों से लोगों ने विक्की को अंतिम विदाई दी.
बेटे का जन्मदिन मनाने की इच्छा रह गई अधूरी
4 मई को जम्मू कश्मीर के पुंछ में हुए आतंकी हमले में छिंदवाड़ा के जवान विक्की पहाड़ी भी शहीद हो गए. विक्की पहाड़े की बड़ी बहन कविता पहाड़ी ने बताया कि '7 जून को विक्की पहाड़े के 5 साल के बेटे का जन्मदिन है. विक्की पहाड़े 23 मई को छिंदवाड़ा आने वाले थे, क्योंकि बेटे के जन्मदिन की तैयारी जो करनी थी. विक्की की बहन ने बताया कि विक्की के बेटे का जन्म कोविड के समय में हुआ था. इसलिए जन्मदिन का कार्यक्रम धूमधाम से नहीं किया जा सका. अपने बेटे की जन्मदिन की खुशियां मनाने के लिए बड़ा फंक्शन करने की तैयारी थी, लेकिन यह खुशियां अब मातम में बदल गई हैं.'
मुख्यमंत्री ने भी दी विदाई, एक करोड़ रुपए की मिलेगी सहायता
देश के लिए कुर्बान होने वाले छिंदवाड़ा के बेटे को अंतिम विदाई देने मध्य प्रदेश के मुखिया डॉक्टर मोहन यादव भी छिंदवाड़ा पहुंचे. जहां सीएम मोहन यादव ने विक्की पहाड़े को अंतिम विदाई दी. उसके बाद विक्की की मां और उनकी पत्नी से मुख्यमंत्री मिले. उन्होंने कहा कि देश ने एक वीर जवान को खोया है, लेकिन इस जवान की शहादत बेकार नहीं जाएगी. भारत सरकार आतंकियों से उनके घर में घुसकर बदला लेगी, जो कायराना हरकत की गई है. उसका जवाब दिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि भी चुनाव आचार संहिता में बंधे हुए हैं. इसलिए सरकार के प्रोटोकॉल के तहत एक करोड़ रुपए की सहायता राशि दी जाती है. विक्की के परिजनों को वह सहायता राशि मिले, इसके लिए भी चुनाव आयोग को पत्र लिखेंगे.'
अंतिम दर्शन के लिए चिलचिलाती धूप में उमड़ा जन सैलाब
छिंदवाड़ा के बेटे के अंतिम दर्शन और विदाई देने के लिए इमलीखेड़ा हवाई पट्टी से विक्की पहाड़े के घर नोनिया करबल और पातालेश्वर मोक्ष धाम तक सड़कों की दोनों तरफ जन सैलाब उमड़ा. शहीद की एक झलक पाने के लिए लोग आतुर थे. कोई फूल बरसा रहा था, तो कोई भारत माता के जयकारे लगा रहा था. अपने वीर सपूत को अंतिम विदाई देने के लिए लोग नम आंखों के साथ चिलचिलाती धूप में खड़े रहे.'